कश्मीर का नाम बदलने की तैयारी में मोदी सरकार,शाह ने दिए ऐसे संकेत
कश्मीर का नाम बदलने की तैयारी में मोदी सरकार,शाह ने दिए ऐसे संकेत
ख़बर देश : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ (लद्दाख थ्रू द एजेस) पुस्तक के विमोचन के दौरान कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि कश्मीर में भारत की संस्कृति की नींव पड़ी थी, और यहां सूफी, बौद्ध और शैल मठों ने बहुत अच्छा विकास किया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर का नाम ऋषि कश्यप के नाम पर पड़ा होगा और इतिहासकारों से आग्रह किया कि वे शासकों को खुश करने के लिए लिखे गए इतिहास से आगे बढ़कर भारत के हजारों साल पुराने इतिहास को तथ्यों के साथ सामने लाएं।
उन्होंने आगे कहा कि पहले से ही कश्मीर के नाम पर इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर पेश किया गया। 8000 साल पुरानी किताबों में कश्मीर और झेलम का जिक्र है तो कोई भी यह बता सकता है कि कश्मीर किसका है। कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है
गृह मंत्री ने धारा 370 और 35A के बारे में भी बात की, जिनका उद्देश्य देश को बांटने और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए था। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने इन धाराओं को हटाकर कश्मीर में विकास के रास्ते खोले हैं। उन्होंने कहा कि इन धाराओं के कारण आतंकवाद पनपा था, लेकिन इनकी समाप्ति के बाद अब कश्मीर में शांति बढ़ी है।
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास अब इस पुस्तक के जरिए प्रमाणित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत का इतिहास और संस्कृति पूरे देश में फैली हुई है, और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा, और इस पुस्तक में इसके ऐतिहासिक प्रमाण दिए गए हैं।
