उद्धव-राज की नजदीकी पर रामदास आठवले का तंज: साथ आए तो क्या फर्क पड़ेगा!”

मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के 20 वर्षों बाद एक मंच पर आने को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं का साथ आना कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम नहीं है और इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।

रामदास आठवले ने कहा, “राज और उद्धव के बीच पुरानी राजनीतिक व वैचारिक दूरियां अब भी बनी हुई हैं। सिर्फ एक मंच पर आने से कोई गठबंधन मजबूत नहीं हो जाता। यह ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा।”

उल्लेखनीय है कि हाल ही में ‘मराठी भाषा और अस्मिता’ के मुद्दे पर दोनों ठाकरे नेता एकजुट होकर एक रैली में शामिल हुए थे, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषक संभावित नए गठबंधन की शुरुआत मान रहे हैं।

लेकिन आठवले का मानना है कि अगर ये दोनों नेता साथ भी आते हैं, तो इससे राज्य की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। उल्टा यह एक नया मोर्चा खड़ा कर सकता है, जिसका लाभ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) को मिल सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे को राज ठाकरे की लोकप्रियता का सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि राज को राजनीतिक जमीन मजबूत करने की जरूरत है। ऐसे में यह गठबंधन स्वार्थ का मेल ज्यादा और विचारों की संगति कम नजर आता है।