इंदौर: होटल में नकली नोटों का कारखाना पकड़ाया: छिंदवाड़ा के मास्टरमाइंड युवक ने दोस्तों के साथ मिलकर दिया अंजाम

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में नकली नोटों के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यह पूरा रैकेट शहर के एक नामी होटल के कमरे से संचालित किया जा रहा था, जिसमें शामिल युवक पढ़े-लिखे तो थे, लेकिन लंबे समय से बेरोज़गारी झेल रहे थे। हैरान कर देने वाला यह मामला तब उजागर हुआ जब होटल स्टाफ को संदेह होने पर मास्टर चाबी से दरवाज़ा खोलना पड़ा।

 

कमरे के भीतर का नज़ारा चौंकाने वाला था—वहां हाई-क्वालिटी प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन, कंप्यूटर, बटर पेपर और कटिंग टूल्स के साथ लाखों रुपये के नकली नोट बिखरे पड़े थे। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए आरोपियों में छिंदवाड़ा का अब्दुल शोएब उर्फ छोटू (25) मास्टर माइंड जो आर्ट एंड डिज़ाइन में स्नातक है। पूछताछ में उसने बताया कि उसके पिता पर भारी कर्ज था और वह लंबे समय से नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान उसने सोशल मीडिया पर फर्जी करेंसी से जुड़े ग्रुप खंगालने शुरू किए और यहीं से गुजरात के द्वारका निवासी मयूर चम्पा (25) से संपर्क हुआ।

 

मयूर ने शाहिद कपूर की वेब सीरीज़ ‘फर्जी’ देखने के बाद नकली नोट छापने की योजना बनाई थी। दोनों ने मिलकर फेसबुक के ज़रिए एक टीम बनाई, जिसमें भोपाल, छिंदवाड़ा और अन्य शहरों से बेरोज़गार युवा जुड़े—जैसे रईस खान, प्रफुल्ल कोरी, आकाश घारू और मेडिकल स्टोर संचालक शंकर चौरसिया।

 

डीसीपी क्राइम राजेश त्रिपाठी के अनुसार, आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे करीब एक महीने से नकली नोटों की छपाई कर रहे थे और कुछ मात्रा में उन्हें चलाने की कोशिश भी कर चुके थे। गिरोह का नेटवर्क पूरी तरह सोशल मीडिया के ज़रिए खड़ा किया गया था।

 

पुलिस अब पूरे नेटवर्क की विस्तार से जांच कर रही है, और तकनीकी विश्लेषण के जरिए यह जानने की कोशिश कर रही है कि नकली करेंसी किन इलाकों में फैलाई गई।