आज देवशयनी एकादशी, चातुर्मास प्रारंभ — ग्रहों की चाल दे रही विशेष संकेत
छिंदवाड़ा | 06 जुलाई 2025 (रविवार):
हिंदू पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। यह तिथि भगवान विष्णु की योगनिद्रा में जाने का प्रतीक है, जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी के साथ चातुर्मास का शुभारंभ भी हो रहा है, जो साधना, संयम और ब्रह्मचर्य का पावन काल माना जाता है।
एकादशी तिथि रात्रि 09:14 तक रहेगी, इसके पश्चात द्वादशी का प्रवेश होगा।
चंद्रमा आज तुला राशि में भ्रमण करेगा और शाम 03:59 बजे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा।
विशाखा नक्षत्र रात 10:40 तक, साध्य योग रात 09:26 तक, और विष्टि भद्र करण रात 09:14 तक प्रभाव में रहेगा।
भद्रा का पाताल वास, धन और धान्य की प्राप्ति का योग
भद्रा काल आज प्रातः 08:07 से रात्रि 09:14 तक रहेगा और पाताल लोक में स्थित है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार यह स्थिति धनलाभकारी मानी जाती है। परंतु हवन, विवाह, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक कार्य इस काल में वर्जित रहते हैं।
ग्रहों की चाल: शुक्र की आहुति और शिव का क्रीड़ा वास
ग्रह मुख की गणना अनुसार आज शुक्र ग्रह की आहुति मानी गई है, जो कला, प्रेम और भौतिक सुखों में वृद्धि का संकेत देती है।
वहीं शिव का वास “क्रीड़ास्थल” में बताया गया है, जो शोक और दुःख का संकेतक होता है। साधकों को संयम और आत्मचिंतन में दिन बिताने की सलाह दी जाती है।
प्रमुख मुहूर्त व चौघड़िया
राहुकाल: शाम 05:34 से 07:17 (अशुभ)
अभिजीत मुहूर्त: 11:56 से 12:52 (शुभ)
प्रदोष काल: सूर्यास्त से रात्रि 09:21 तक (व्रत पूजन हेतु श्रेष्ठ समय)
चर, लाभ व अमृत चौघड़िया: सुबह 07:14 से दोपहर 12:24 तक विशेष शुभ प्रभाव में
चातुर्मास में संयम ही साधना, आज से नियम प्रारंभ
धार्मिक परंपराओं के अनुसार आज से चातुर्मास व्रत प्रारंभ होते हैं। इस दौरान विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं।
इन चार महीनों में मौन, ब्रह्मचर्य, जप, ध्यान, भजन, सेवा और दान को प्रमुखता दी जाती है।
विशेष श्लोक और सुभाषित ज्ञान
गीता अध्याय 18, श्लोक 58:
“मच्चित्तः सर्वदुर्गाणि मत्प्रसादात तरिष्यसि…”
अर्थात – भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मेरी कृपा से तू समस्त संकटों को पार कर लेगा।
सुभाषित:
“राजा की सेवा शोभती है, उत्तम गुणों वाली स्त्री अपने घर में सुरक्षित रहती है।”
राशिफल संक्षेप (नाम राशि आधारित)
मेष: लाभकारी दिन, परंतु विवादों से बचें।
वृषभ: संपत्ति से लाभ, परंतु भ्रम की स्थिति।
मिथुन: यात्रा से लाभ, सरकारी सहयोग संभव।
कर्क: चोट और मानसिक तनाव की संभावना।
सिंह: पूजा, सत्संग से लाभ, व्यापार में उन्नति।
कन्या: शेयर से लाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
तुला: नौकरी में प्रशंसा, व्यापार अनुकूल।
वृश्चिक: वाणी पर संयम रखें, खर्च अधिक।
धनु: बेरोजगारी में राहत, मान-सम्मान मिलेगा।
मकर: उत्साहवर्धक सूचना, सेहत में सावधानी।
कुंभ: निवेश लाभदायक, मान-सम्मान में वृद्धि।
मीन: मानसिक असंतुलन, परंतु कार्य पूर्ण होंगे।
निष्कर्ष:
06 जुलाई 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत विशेष है। देवशयनी एकादशी व्रत, चातुर्मास प्रारंभ, शुभ योग, ग्रह स्थिति – सभी इसे साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए श्रेष्ठ बना रहे हैं। सभी श्रद्धालुजन इस दिन का अधिकतम लाभ लेकर अपने जीवन को शुभता से भर सकते हैं।