साल 2019 में रेकॉर्डतोड़ प्रदर्शन की उम्मीद, इन खिलाड़ियों पर रहेंगी खास नजरें
नई दिल्ली
खेल की दुनिया में भारतीयों के लिए साल 2018 शानदार रहा। क्रिकेट में हमने अपनी धरती के अलावा विदेशी धरती पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। बैडमिंटन, शूटिंग, रेसलिंग, हॉकी जैसे खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने वर्ल्ड स्टेज पर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया। कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स जैसे मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट में हमारे ऐथलीटों ने मेडल्स की झड़ी लगा दी। अब नया साल आया है तो खेल में नई उम्मीदें होना लाजिमी है। एक नजर उन खेलों पर जिनमें भारतीय खेल प्रेमी साल 2019 में अपने ऐथलीटों से रेकॉर्डतोड़ प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे होंगे।
क्रिकेट में आए तीसरा वर्ल्ड कप!
इस साल सभी भारतीय खेल प्रेमियों की नजरें जून महीने में होने वाले क्रिकेट के महाकुंभ यानी आईसीसी वर्ल्ड कप पर होंगी। इंग्लैंड में होने वाले इस टूर्नमेंट में 10 बेस्ट टीमें खिताब के लिए टकराएंगी। टूर्नमेंट का फाइनल लॉर्ड्स में खेला जाएगा। भारतीय खेल प्रेमी चाहेंगे कि टीम इंडिया वनडे फॉर्मेट में अपना वर्चस्व कायम करते हुए तीसरी बार इस प्रतिष्ठित खिताब को अपने नाम करे। साथ ही टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से उम्मीद होगी कि वह अपनी फॉर्म को बरकरार रखते हुए कई रेकॉर्ड अपने नाम करें।
फुटबॉल में बनाएंगे पहचान!
इस खेल से सभी को प्यार है और ऐसे में सभी चाहेंगे कि भारत इस नए साल में फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़े। पिछले साल भारत की जूनियर टीम आगामी अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप में अपने दम पर क्वॉलिफाइ करने से बस कुछ कदम पीछे रह गई। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने प्रशंसा हासिल की। भारत की सीनियर टीम ने भी साल 2011 के बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वॉलिफाइ किया है। साल के पहले महीने में ही यह टूर्नमेंट है और इस कड़े टूर्नामेंट में जोरदार प्रदर्शन कर सीनियर टीम के पास अपनी पहचान बनाने का सुनहरा मौका होगा।
नीरज तोड़ेंगे यूरोप का वर्चस्व!
ओलिंपिक गेम्स की शुरुआत से अभी तक 75 मेडल जैवलिन थ्रो इवेंट में जीते गए हैं। खास बात यह है कि इनमें से केवल 8 मेडल ही यूरोप के बाहर गए हैं। जैवलिन थ्रो में यूरोप का दबदबा पुराना है और भारतीयों को उम्मीद है कि ऐथलेटिक्स में भारत के पोस्टर बॉय बन कर उभरे जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा 2020 तोक्यो ओलिंपिक्स में यह दबदबा खत्म करेंगे। लेकिन ओलिंपिक में मेडल का यह दावा कितना मजबूत है इसका अंदाजा वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनके प्रदर्शन से लगेगा। साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज अक्टूबर माह में होने वाली इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में मैदान पर होंगे। यहां यूरोप के शीर्ष जैवलिन थ्रोअर भी भाग लेंगे। जैवलिन थ्रो में यूरोपीय वर्चस्व तोड़ने का नीरज के पास यहां मौका होगा।
नंबर 1 के ताज पर सिंधु की नजर
स्टार शटलर पीवी सिंधु ने 2018 में कोई सुपर सीरीज खिताब नहीं जीत सकीं, लेकिन वर्ल्ड चैंपियनशिप का अपना चौथा मेडल जीता। साल खत्म होते-होते उन्होंने वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब भी अपने नाम किया। 2017 में अपने धाकड़ खेल से वह वर्ल्ड रैंकिंग्स में नंबर 2 तक पहुंच गई थीं और 2018 में उम्मीद की जा रही थी कि वह नंबर वन का ताज हासिल कर लेंगी, जो उनसे पहले भारत की ओर से महिला वर्ग में सिर्फ साइना नेहवाल ही हासिल कर सकी हैं। सिंधु रैंकिंग्स में फिसल कर नंबर 3 पर पहुंच गईं। नए साल पर फैंस उम्मीद करेंगे कि वह कई खिताब जीतकर वर्ल्ड रैंकिंग्स में नंबर वन का ताज हासिल करने वाली श्रीकांत, साइना के बाद तीसरी भारतीय शटलर बनेंगी।
तोक्यो टिकट पर निशाना
साल 2020 में तोक्यो में ओलिंपिक गेम्स होने हैं और उस लिहाज से 2019 बहुत अहम है क्योंकि इस साल ओलिंपिक के लिए कई क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट होंगे, जिनमें भारतीय ऐथलीट तोक्यो का टिकट हासिल करने के लिए जी-जान लगाएंगे। ट्रैक की नई सनसनी हिमा दास से उम्मीद होगी कि वह 400 मीटर रेस के लिए क्वॉलिफाइ करेंगी, लेकिन नजरें महिला रिले टीम पर होंगी, जो अपने प्रदर्शन से एक बार फिर सभी को हैरान कर सकती है। रेसलिंग में विनेश, पूजा ढांढा, बजरंग का दांव लगना तो पक्का नजर आ रहा है, लेकिन नजरें दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार पर होंगी, जो तीसरी बार ओलिंपिक में क्वॉलिफाइ करने के लिए मैट पर उतरेंगे।