सवर्ण आरक्षण को सिंहदेव और अन्य मंत्रियों ने बताया चुनावी शिगूफा
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया गया संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है. हालांकि इसे छत्तीसगढ़ के मंत्रियों ने चुनावी शिगूफा बताया है.
इस विधेयक के बारे में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव का कहना है कि चुनाव के पहले का ये एक शिगूफा है. उन्होंने कहा कि इस बिल का राज्यसभा में क्या होगा ये अभी सुनिश्चित नहीं है और ना ही राज्यसभा के बाद सुप्रीम कोर्ट इस पर जो फैसला लेगी वो सुनिश्चित है. सिंहदेव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनने के बाद भी बिल को मंजूर नहीं किया और आरक्षण को 49.05 प्रतिशत पर ही रोक दिया है. ऐसे में सरकार द्वारा इस प्रकार का आरक्षण लाकर फिर से उसे टालने की बात होगी.
वहीं मंत्री रविन्द्र चौबे इसे वोट की राजनीति बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव है और मार्च में आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में महज डेढ़ महीने पहले देश के प्रधानमंत्री इस प्रकार आरक्षण का बिल ला रहे हैं, जो सिर्फ वोट की राजनीति के लिए किया जा रहा है. असल में ऐसा कुछ होगा नहीं और इससे उन्हें कोई फायदा भी नहीं होने वाला है.
इसके अलावा कैबिनेट मंत्री और सतनामी समाज के धर्म गुरु रूद्र गुरू का कहना है कि अगर लोगों के हित में फैसले लिए जाएं तो अच्छी बात है, लेकिन किसी एक वर्ग को खुश करने के लिए दूसरे वर्ग का आरक्षण कम कर आरक्षण लागू करना गलत होगा.