सदन में हगमें के बीच हिना कांवरे बनी विधानसभा उपाध्यक्ष
भोपाल
पंद्रहवीं विधानसभा में परंपराओं के टूटने का क्रम जारी रहा और भारी हंगामे के बीच हिना कांवरे विधानसभा की उपाध्यक्ष चुन ली गईं। चुनाव के पहले विधानसभा में हंगामे की स्थिति बनी थी। विपक्ष के सदस्यों ने आसंदी के करीब पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। हंगामा देखकर स्पीकर एनपी प्रजापति ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर ही हंगामा जारी रहा और फिर अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने हिना कांवरे को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी। इसी के साथ मप्र विधानसभा के इतिहास में पहला मौका है जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही एक ही पार्टी के हैं।
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से कांग्रेस और भाजपा के बीच पैदा हुई कड़वाहट उपाध्यक्ष पद के चुनाव के रुप में भी दूर नहीं हुई। कांग्रेस की हिना कांवरे और भाजपा के जगदीश देवड़ा के नामांकन दाखिल करने के बाद चुनाव की स्थिति बनीं थी लेकिन हंगामे के बीच हिना कांवरे को उपाध्यक्ष चुन लिया गया।
जैसे ही हिना कांवरे के नाम का ऐलान हुआ वैसे ही विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा किया और अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया।
भाजपा का विधायकों को दिए थे निर्देश
अध्यक्ष के एकतरफा निर्वाचन के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए भी मतदान होने की संभावना के बीच भाजपा ने अपने उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी जगदीश देवड़ा को जिताने के लिए सभी संभाग प्रभारियों से कहा था कि वे विधायकों की मौजूदगी सुनिश्चित करें।