वोटिंग से दूर एक तिहाई वोटर्स, 2014 में 28 करोड़ ने नहीं डाला वोट

 
नई दिल्ली 

18 साल की उम्र पर पहुंचने के बाद हम सभी के ऊपर कई जिम्मेदारियां आ जाती हैं। इनमें से कुछ परिवार, कुछ अपने और कुछ देश के लिए होती हैं। परिवार और अपनी जिम्मेदारियों के बोझ में कई बार लोग इतना दब जाते हैं कि वह देश के प्रति अपने सबसे बड़ी जिम्मेदारी या यूं कहें सबसे बड़े अधिकार को ही भूल जाते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं 'वोट डालने के अधिकार' की, जिसका कई लोग जानबूझकर इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन बड़ी जमात ऐसी है जो नौकरी, पढ़ाई या शादी की वजह से अपने होमटाउन को छोड़कर अस्थाई तौरपर कहीं और चली जाती है फिर सिर्फ वोट डालने के लिए उसके लिए आना मुश्किल हो जाता है। 

28 करोड़ ने नहीं डाला वोट 
2014 की बात करें तो 18 साल से ऊपर के ऐसे 28 करोड़ लोग थे, जिन्होंने वोटर लिस्ट में नाम होने के बावजूद वोट नहीं किया था। यह आंकड़ा हैरान करनेवाला इसलिए है क्योंकि दुनिया के बाकी किसी देश के पास इतने वोटर तक नहीं हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था अमेरिका में कुल 18.3 करोड़ (2016 के मुताबिक) रजिस्टर्ड मतदाता हैं। अगर टॉप 20 लोकतांत्रिक देशों को मिलाकर देखा जाए तो उनके यहां रजिस्टर्ड वोटर की संख्या 28 करोड़ होगी। इस लिस्ट में जर्मनी, यूके, स्पेन, साउथ कोरिया जैसे देश भी शामिल हैं। इसलिए 28 करोड़ का वोट डालना अपने आप में चिंता का विषय है। 

बीजेपी भी पिछड़ी 
2014 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 17.2 करोड़ वोट मिले थे, वहीं 10.7 करोड़ के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी। ऐसे में देखा जाए तो वोट न डालनेवालों की 'पार्टी' सबसे बड़ी हुई क्योंकि इनकी संख्या 28 करोड़ के करीब रही। 

क्यों नहीं डाले जाते वोट 
ऐसे में आम भावना बन जाती है कि हम लोग परवाह नहीं करते, लेकिन असल में सिर्फ ऐसा है नहीं। दरअसल, बहुत लोग ऐसे हैं जो पोलिंग डे पर उस जगह हो नहीं सकते, जिसकी वजह से वे चाहकर भी वोट नहीं कर पाते। 2011 की जनगणना के मुताबिक, करीब 450 मिलियन (करीब 45 करोड़) प्रवासी थे। इनमें से 4.6 करोड़ नौकरी और 40 लाख बिजनस के चलते प्रवासी हुए। लिस्ट में 22 करोड़ महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने शादी के बाद अपना घर छोड़ा। वहीं 80 लाख लोग पढ़ाई की वजह से भी घर छोड़कर गए थे। 

इनमें से भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें बार-बार नौकरी या जगह बदलनी पड़ती है, जिसकी वजह से वे वहां का वोटर कार्ड भी नहीं बनवा सकते। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग वोट डालने घर भी नहीं जा पाते। 
 

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