लव लाइफ बर्बाद कर देता है यह मानसिक रोग!

नई दिल्ली
लव लाइफ बर्बाद कर देता है यह मानसिक रोग!ब्रेन से संबंधित एक क्रॉनिक डिजीज है सीजोफ्रेनिया। इसमें व्यक्ति वास्तविक दुनिया से अलग अपनी एक काल्पनिक दुनिया में रहता है। उसे यह काल्पनिक दुनिया ही सच लगती है और वह अपने विचारों को ही हकीकत मानकर जीता है। अगर यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर ले तो व्यक्ति अपने किसी प्रियजन का मर्डर तक कर सकता है… इस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 मई को World Schizophrenia Day मनाया जाता है।
सीजोफ्रेनिया के लक्षण
 -सीजोफ्रेनिया का मरीज घर, परिवार और दोस्तों के साथ रहते हुए भी इनसे अलग-थलग रहता है।

-पहले की तरह खुश और मिलनसार नहीं रह जाता है। यह मरीज के व्यवहार में आनेवाला एक सबसे बड़ा परिवर्तन होता है। जिसे परिवार और दोस्त आसानी से अनुभव कर सकते हैं।

-सीजोफ्रेनिया का मरीज अपनी व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख पाता है। कई बार वह नहाना और ब्रश करना तक छोड़ देता है या अक्सर भूल जाता है।

कोई रेयर डिजीज नहीं है
 -सीजोफ्रेनिया कोई रेयर डिजीज नहीं है। बल्कि सिर्फ हमारे ही देश में इस बीमारी के करीब 40 लाख पेशंट हैं। दिक्कत इस बात की है कि हमारे समाज में मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता का बहुत अभाव है।

-हमारे देश में मानसिक बीमारियों को पागलपन से जोड़कर देखा जाता है। जबकि ऐसा नहीं होता है कि हर मानसिक बीमारी पागलपन होती है।

-सीजोफ्रेनिया के मरीज के व्यवहार को लोग आमतौर पर रवैये में आया बदलाव या मूड से जोड़कर देखने लगते हैं। क्योंकि इस बीमारी का असर, ब्रेन पर होता है और इससे व्यक्ति का व्यवहार प्रभावित होता है।
 
क्या चलता है रोगी के दिमाग में?
 -सीजोफ्रेनिया को कई अलग-अलग कैटिगरी में बांटा जा सकता है। इसमें आमतौर पर हल्यूसनेशन डिलूजन देखने को मिलते हैं। रोगी अपने ही विचारों में खुश भी होता है लेकिन ज्यादातर समय उदास रहता है।

-हल्यूसनेशन में पेशंट को वो सब आवाजें सुनाई देती हैं, जो वास्तव में होती ही नहीं हैं। साथ ही उसे लगता है कि हर कोई उसी के बारे में बात कर रहा है।

-लोग उसे ही देखकर हंस रहे हैं या उसका मजाक बना रहे हैं। उसे लगता है कि सभी लोग मिले हुए हैं और उसे मारने के लिए षड़यंत्र रच रहे हैं।
 
डिलूजन में क्या होता है?
 -सीजोफ्रेनिया के रोगी में कई तरह का डिलूजन देखने को मिलता है। किसी केस में मरीज को अपने परिवार पर शक होता है कि सब उसे मारना चाहते हैं, ऐसे में वह खुद अपने ही परिवार को मारने का प्रयास करने लगता है।

-जबकि डिलूजन ऑफ इंफेडिलिटी में पेशंट को सिर्फ और सिर्फ अपने लाइफ पार्टनर पर शक रहता है। उसे लगता है कि उसका पार्टनर उसे धोखा दे रहा है और उसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ अफेयर चल रहा है।
 
हर समय पार्टनर पर शक रहना
 -आमतौर पर डिलूजन ऑफ इंफेडिलिटी पुरुषों में पाई जानेवाला मानसिक रोग है। लेकिन महिलाएं भी इस बीमारी की गिरफ्त में आती हैं।

-इस डिलूजन की विशेषता यह होती है कि रोगी का व्यवहार बाकी सभी लोगों के साथ सामान्य रहता है लेकिन उसे अपने पार्टनर की हर ऐक्टिविटी पर शक बना रहता है।

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