लखनऊ लोकसभा सीट पर इन दिग्गज नेताओं की दांव पर लगी प्रतिष्ठा

लखनऊ 
लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण के लिए सोमवार सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है. इसी क्रम में  देश की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक लखनऊ लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है. 1991 में जब से यहां अटल बिहारी वाजपेयी जीते, उसके बाद से लगातार बीजेपी ही जीतती आई है. इस सीट पर भी आज वोट डाले जा रहे हैं. यहां से इस बार भी बीजेपी ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उतारा है. कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को यहां से टिकट दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को टिकट दिया है.

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक लखनऊ सीट पर करीब पांच लाख मुस्लिम मतदाता हैं. उन्हें साधने के लिए राजनाथ सिंह लगातार प्रयास कर रहे हैं. खासतौर पर शिया मुस्लिमों को. दूसरी ओर प्रमोद कृष्णम की भी मुस्लिमों में अच्छी पैठ बताई जाती है. यहां कायस्थ, ब्राह्मण और ठाकुर वोटर भी अच्छी संख्या में हैं. जिनका झुकाव बीजेपी की ओर माना जाता है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ एक ऐसा शहर है, जहां मुस्लिम बनाम मुस्लिम में ही लड़ाई होती है. यहां मुस्लिमों के दो तबके शिया और सुन्नी अक्सर आमने-सामने रहते हैं.

राजनीतिक लिहाज से शिया वोटर बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है, जबकि सुन्नी बीजेपी के खिलाफ वोट करते रहे हैं. पूनम सिन्हा के पक्ष में यहां पर सपा-बसपा का जातीय गणित है. इस सीट से सात बार बीजेपी के प्रत्याशी ने चुनाव जीता हैं. वहीं पांच बार अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रतिनिधित्व किया था. लालजी टंडन भी इससे सांसद रह चुके हैं.

2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख, 72 हजार 749 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी. सपा तीसरे और बसपा चौथे नंबर पर थी. इस बार सपा-बसपा साथ चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन पिछली बार के मतों को देखें तो इस बार भी बीजेपी का पलड़ा भारी ही नजर आ रहा है. लोकसभा चुनावों में लखनऊ से गठबंधन की प्रत्याशी और शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा पांचवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों है. उनके पास 193.54 करोड़ की कुल संपत्ति है.

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