रावण के पास लंका में थे कई हवाई अड्डेः आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति
जालंधर
आंध्र विश्वविद्यालय के वीसी जी नागेश्वर राव ने लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी में इंडियन साइंस कांग्रेस में अनोखे दावे किए। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने 'अस्त्र' और 'शस्त्र' का इस्तेमाल किया, जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक सुदर्शन चक्र भेजा, जो मारने के बाद वापस आ जाता था। इससे पता चलता है कि गाइडेड मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है। यह हजारों साल पहले पौराणिक काल में भी मौजूद था।
'विष्णु का दशावतार डार्विन सिद्धांत से बेहतर'
नागेश्वर राव ने कहा कि रावण के पास लंका में कई हवाई अड्डे भी थे और उसने उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया। राव ने दावा किया कि हिंदु शास्त्रों में भगवान विष्णु के जिस दशावतार का वर्णन है, वह 17वीं सदी में अंग्रेज वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत से ज्यादा विकसित है। राव ने 106वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में यहां कहा कि डार्विन के सिद्धांत में जहां विकासवाद का सिद्धांत जलीय जीव से व्यक्ति तक बताया गया है, वहीं दशावतार
'पौराणिक काल में थी भारत के पास गाइडेड मिसाइल'
राव ने कहा, पुराणों में एक कदम आगे ‘राम’ से ‘राजनीतिक रंग वाले’ कृष्ण तक के विकासवाद का जिक्र है। उन्होंने कहा, दशावतार ‘मत्स्य अवतार’ से शुरू होता है, जो जलीय प्राणी है। इसके बाद ‘कूर्म अवतार’ की बात है, जो उभयचर प्राणी है। वह जल और थल दोनों जगह रहता है। तीसरा अवतार ‘वराह अवतार’ है, जिसमें विष्णु धरती को बचाने के लिए सूअर बन जाते हैं। चौथा अवतार ‘नरसिंह’ है, जो आधा शेर और आधा मनुष्य है। पांचवां अवतार ‘वामन’ अवतार है, जो कम परिपक्वता वाला पूरी तरह मुनष्य अवतार है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अंतत: राम अवतार है, जो पूरी तरह मनुष्य हैं और फिर कृष्ण अवतार जो काफी जानकार, तार्किक हैं… वह नेता हैं। हमारा मानना है कि कृष्ण राजनीतिक हैं, लेकिन राम नेता नहीं हैं। यह विकासवाद है।’
कौरव टेस्ट ट्यूब बेबी थे : नागेश्वर राव
साइंस कांग्रेस में मौजूद मीडिया ने जब नागेश्वर राव से सवाल पूछा कि कौरवों की माता गांधारी 100 बच्चों को कैसे जन्म दे सकती थीं तो उन्होंने कहा कि हर कोई सोचता है और कोई विश्वास नहीं करता है कि गांधारी ने 100 बच्चों को कैसे जन्म दिया। यह मानवीय रूप से कैसे संभव है? क्या एक महिला एक जीवनकाल में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है, लेकिन अब हम मानते हैं कि हमारे पास टेस्ट ट्यूब शिशु हैं। उन्होंने कहा कि महाभारत के अनुसार, 100 अंडों को निषेचित किया गया और 100 ऊनी बर्तनों में डाला गया। क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं हैं? इस देश में स्टेम सेल अनुसंधान हजारों साल पहले मौजूद था। उन्होंने कहा- स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के कारण एक मां से सौ कौरव थे। यह कुछ हजार साल पहले हुआ था।