राम मंदिर पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी, कानूनी प्रक्रिया खत्म होने से पहले अध्यादेश नहीं
नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर को लेकर बेहद अहम बयान दिया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कोई अध्यादेश तभी लाया जा सकता है, जब इस पर कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाए। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने राम मंदिर पर अदालती कार्यवाही में देरी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं, इसके चलते राम मंदिर मसले की सुनवाई की गति धीमी हो गई है। राम मंदिर के अब भी बीजेपी के लिए इमोशनल मुद्दा होने के सवाल पर मोदी ने कहा, 'हमने अपने मेनिफेस्टो में हमने कहा था कि इस मसले का समाधान संवैधानिक तरीके से किया जाएगा।' बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण चाहती है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में पार्टी के भीतर से ही और आरएसएस के द्वारा यह कहा जाता रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द रास्ता साफ होना चाहिए। आरएसएस से जुड़े संगठन बीते कुछ दिनों से तीन तलाक पर जारी अध्यादेश की ही तर्ज पर राम मंदिर निर्माण के लिए भी ऑर्डिनेंस जारी करने की मांग कर रहे हैं। यहां तक कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी राम मंदिर के लिए अध्यादेश की मांग की है।
पीएम मोदी ने अध्यादेश के सवाल पर सीधे तौर पर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संभवत: आखिरी चरण में है। उन्होंने कहा, 'कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिए। इस प्रक्रिया की समाप्ति के बाद सरकार के तौर पर जो भी जिम्मेदारी होगी, उसके लिए हम तैयार हैं।' गौरतलब है कि राम मंदिर के मसले पर 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई की मांग के लिए याचिका दाखिल की गई है।
तीन तलाक पर अध्यादेश SC के फैसले के बाद लाए: मोदी
तीन तलाक पर लाए गए अध्यादेश से राम मंदिर मसले की तुलना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों में अंतर है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर अध्यादेश तब लाया गया, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया था। यह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही लाया गया। पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर राम मंदिर मसले को अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 70 सालों से शासन कर रही सरकारों ने अयोध्या मसले को अटाकने का काम किया।