मौके का फायदा उठाने से चूके राहुल
सिडनी
रोहित शर्मा के स्थान पर सिडनी टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए लोकेश राहुल एक बार फिर मौका भुनाने में असफल रहे। वह सिर्फ 9 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर स्लिप में शॉन मार्श को कैच थमा बैठे। इस पूरी सीरीज के दौरान के. एल. राहुल का फॉर्म निराशाजनक रहा है और जानकारों ने उन्हें टीम में जगह देने पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
मुरली विजय और राहुल को लगातार खराब फॉर्म के चलते मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन चौथे टेस्ट मैच से पहले बेटी के जन्म के मौके पर रोहित को स्वदेश लौटना पड़ा। ऐसे में राहुल को टीम में शामिल किया गया और उन्हें पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी दी गई। हनुमा विहारी को उनके नियमित छठे नंबर पर भेजे जाने का फैसला हुआ।
राहुल ऑस्ट्रेलिया में बिलकुल भी रंग में नजर नहीं आ रहे हैं। ऐडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में बनाए गए 44 रनों को छोड़ दें तो वह एक बार भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए हैं। इस मैच की पहली पारी में भी सिर्फ 9 पर आउट हो गए। अभी तक 5 पारियों में उन्होंने सिर्फ 57 रन बनाए हैं।
दिग्गज क्रिकेट कॉमेंटर हर्षा भोगले ने राहुल के खेल पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'सही मायनों में टीम इंडिया के लिए यह विकल्प था कि वह केएल राहुल के स्थान पर हार्दिक पंड्या को खिलाती और ओपनिंग की जिम्मेदारी विहारी पर ही छोड़ देती। लेकिन भारतीय टीम पंड्या और भुवी (भुवनेश्वर कुमार) को शामिल करने के पक्ष में नहीं दिखी।'
भारतीय टीम प्रबंधन हालांकि लगातार राहुल के समर्थन में रहा है। जब वह अच्छी फॉर्म में होते हैं तो कप्तान, कोच सभी उनकी तारीफ करते हैं। लेकिन फिलहाल राहुल फॉर्म में नहीं चल रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या राहुल को ब्रेक देना चाहिए?
गावसकर भी चाहते थे घरेलू क्रिकेट खेलें राहुल
पर्थ टेस्ट मैच के बाद सुनील गावसकर ने कहा था कि राहुल को भारत जाकर घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए। इससे उन्हें फॉर्म हासिल करने में मदद मिलेगी। उनके अलावा कई और दिग्गज भी यह कह चुके हैं कि राहुल को भारत आकर कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए।
राहुल के सिलेक्शन पर फैन्स ने भी उठाए सवाल
राहुल का शानदार फॉर्म जारी, लेकिन उन्हें टीम में शामिल क्यों किया गया।