मोदी ने ट्रम्प से निभाई दोस्ती, 6 महीने से टाल रहे हैं टैक्स लगाने का फैसला

 वाशिंगटन
सेब, बादाम और दालों सहित अमेरिकी एग्री प्रोडक्ट्स पर जवाबी टैरिफ के भारत के प्रस्ताव से लगभग 90 करोड़ डॉलर (6300 करोड़ रुपए) के अमेरिकी एक्सपोर्ट पर नकारात्मक असर पड़ेगा। अमेरिका की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बीते साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा स्टील और एल्युमीनियम आइटम्स के इंपोर्ट पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले के जवाब में भारत ने सेब, बादाम, अखरोट, चने और दालों जैसे कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया था। ट्रम्प के इस फैसले के बाद ही दुनिया भर में ट्रेड वार की चर्चाएं होने लगी थीं।
 
जवाबी टैरिफ नहीं लगाने वाला भारत अकेला देश
हालांकि भारत ऐसा अकेला देश है, जो जवाबी टैरिफ के ऐलान के बावजूद बीते छह महीने से इस फैसले को लागू किए जाने के मसले को टाल रहा है। बीते साल अक्टूबर में ट्रम्प ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ करार देते हुए आरोप लगाए थे कि भारत में कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ऊंचा टैरिफ लगता है। भारत का प्रस्तावित जवाबी टैरिफ चीन की तुलना में खासा कम था। चीन ने 800 से ज्यादा अमेरिकी एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिनकी 2017 में कुल अमेरिकी एक्सपोर्ट में 20.60 अरब डॉलर की हिस्सेदारी रही थी।

 इन देशों ने भी लगाया जवाबी टैरिफ
अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने के मामले में चीन के बाद कनाडा (2.6 अरब डॉलर),  मेक्सिको (2.5 अरब डॉलर, यूरोपियन यूनियन (1 अरब डॉलर) और तुर्की (25 करोड़) आते हैं। इन देशों ने अमेरिका के एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाया था। गौरतलब है कि इससे पहले ट्रम्प सरकार ने मार्च, 2018 में अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम प्रोड्यूसर्स के हितों की रक्षा के लिए टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।

 
अमेरिका ने ‘प्रोफाइल्स एंड इफेक्ट्स ऑफ रिटैलिएटरी टैरिफ्स ऑन यूएस एग्रीकल्चरल एक्सपोर्ट्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि तब से चीन, यूरोपियन यूनियन, तुर्की, कनाडा और मेक्सिको 800 अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगा चुके हैं।

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