मेक इन इंडिया के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को इंसेंटिव देने की तैयारी
नई दिल्ली
ऐपल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में प्रॉडक्शन और एक्सपोर्ट के लिए विशेष पॉलिसी इंसेंटिव दिए जा सकते हैं। आईफोन बनाने वाली ऐपल अपने कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स को विशेष इंसेंटिव देने पर कॉमर्स मिनिस्ट्री और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ बातचीत कर रही है। ऐपल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) के तहत पांच वर्षों के लिए टैक्स में छूट के साथ ही एक्सपोर्ट की मात्रा के अनुपात में इनकम टैक्स बेनेफिट भी चाहती है। इसके लिए पॉलिसी में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी से जानकारी मांगी गई है।
अधिकारी ने कहा, 'ऐपल भारत को एक बड़े मार्केट के तौर पर नहीं देखती और इस वजह से उसका जोर एक्सपोर्ट पर है।' MEIS के तहत सरकार प्रॉडक्ट और जिस देश को एक्सपोर्ट किया जा रहा है उसके आधार पर ड्यूटी में 2-4 पर्सेंट का बेनेफिट देती है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी इन इंसेंटिव के जरिए देश को इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्सपोर्ट का हब बनाना चाहती है। सरकार का मानना है कि केवल ऐपल को इंसेंटिव देने के बजाय पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को पॉलिसी में बदलाव का फायदा मिलना चाहिए।
इस बारे में ईटी की ओर से ईमेल से भेजे गए प्रश्नों का ऐपल ने उत्तर नहीं दिया। अधिकारी ने कहा कि ऐपल अपने प्रॉडक्ट्स के लिए भारत को एक एक्सपोर्ट हब के तौर पर देख रही है और इस वजह से उसकी बातचीत एक्सपोर्ट से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव या नई पॉलिसी बनाने से जुड़ी है। उन्होंने बताया, 'ऐपल यह आश्वासन चाहती है कि MEIS को पांच वर्षों के लिए जारी रखा जाएगा।'
कॉमर्स मिनिस्ट्री और रेवेन्यू डिपार्टमेंट को एक्सपोर्ट से जुड़े विशेष इंसेंटिव देने से वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के नियमों के उल्लंघन होने की आशंका है। ऐपल ने एक्सपोर्ट पर इनकम टैक्स में छूट भी मांगी है और इससे भी WTO के नियमों का उल्लंघन हो सकता है। अधिकारी ने कहा, 'रेवेन्यू डिपार्टमेंट एक रास्ता निकालने की कोशिश कर रहा है क्योंकि अन्य सेक्टर्स भी इस तरह के बेनेफिट मांग सकते हैं।'
ऐपल का अभी भारत के लिए आईफोन के पुराने वर्जन बनाने का कॉन्ट्रैक्ट बेंगलुरु की विस्ट्रॉन के साथ है। ईटी ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी कि ऐपल जैसी कंपनियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली फॉक्सकॉन ने आईफोन के नए वर्जन बनाने के लिए तमिलनाडु में अपने श्रीपेरंबुदुर प्लांट में 1,500 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है।
कॉमर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने पिछले सप्ताह कहा था कि ऐपल की भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना पर वह जनवरी में दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स के साथ मुलाकात करेंगे।