माल्या भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित, जब्त हो सकेगी संपत्ति

मुंबई            

धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बने स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को मुंबई में शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसके लिए स्पेशल कोर्ट में अर्जी लगाई थी.

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया. इस कानून में जांच एजेंसियों को एफईओए के तहत दर्ज अपराधी की सारी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार है. अब कर्नाटक, इंग्लैंड और अन्य जगहों की विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियां ईडी कुर्क कर सकता है.

इससे पहले ईडी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता हितेन वेनगांवकर ने बताया कि एफईओए नया कानून है और काफी सख्त भी. इस कानून के दायरे में जांच एजेंसियां विजय माल्या की सभी प्रॉपर्टी जब्त कर सकती हैं. ये प्रॉपर्टी चाहे अपराध क्षेत्र के अंदर हों या बाहर, उससे फर्क नहीं पड़ता. आर्थिक भगोड़ा घोषित होने पर माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने में भी मदद मिलेगी. स्पेशल कोर्ट माल्या की सभी अर्जियां पहले ही खारिज कर चुका है.

पीएमएलए कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) की धारा 2एफ के तहत माल्या के खिलाफ अपना फैसला सुनाया. इस कानून के मुताबिक जो व्यक्ति अपराध करने के बाद देश छोड़ गया हो और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर न हो रहा हो, जिसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हो चुका हो लेकिन विदेश भागने के कारण वह हाजिर न हो रहा हो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी ठहराया जा सकता है.  

मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए विजय माल्या पर कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है. बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में वे भारत में वांछित हैं. माल्या ने बंबई हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के ईडी की अर्जी पर रोक लगाने के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले, विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी.

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