महिलाओं को स्टाम्प शुल्क में छूट, महिला स्वसहायता समूहों का कर्ज भी होगा माफ
भोपाल
नई कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ अब खेती पर निर्भर महिलाओं को सौगात देने वाले है। कृषि भूमि खरीदने पर अब उन्हें केवल तीन फीसदी स्टाम्प शुल्क देना होगा। वहीं महिला स्व सहायता समूहों को दिए गए कर्ज को भी माफ करने की तैयारी है।
प्रदेश भर में अभी कृषि भूमि खरीदने पर पंजीयन विभाग स्टाम्प शुल्क सहित साढ़े नौ फीसदी शुल्क लेता है। इसमें पांच प्रतिशत प्रिंसिपल स्टाम्प ड्यूटी होती है। इसके अलावा तीन प्रतिशत शुल्क नगर पालिका, नगर निगम द्वारा औश्र एक प्रतिशत शुल्क जनपद पंचायत के लिए लिया जाता है। इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी का आधा प्रतिशत शुल्क उपकर के रुप में लिया जाता है।
इस तरह कुल साढ़े नौ प्रतिशत शुल्क खेती की जमीन खरीदने पर देना पड़ता है। इसमें कांग्रेस सरकार कमी करने जा रही है। पुरुष किसान यदि खेती के विस्तार हेतु पटवारी हल्के में कृषि भूमि खरीदने पर लगने वाले कुल स्टाम्प शुल्क को घटाकर छह प्रतिशत करेगी। इसमें यदि महिला कृषक जमीन खरीदती है तो उन्हें केवल तीन प्रतिशत स्टाम्प देना होगा।इस संबंध में तैयारियां शुरु कर दी गई है।
वाणिज्य कर विभाग को इस संबंध में सालाना कृषि भूमि खरीदी के आंकड़ें और इससे होंने वाले नुकसान के आंकड़े जुटाने को कहा गया है। इसके बाद सरकार इस संबंध में आदेश जारी करेगी।
यह होगा असर-अभी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित सभी बड़े शहरों में कलेक्टर गाइड लाइन काफी अधिक है। इसके चलते खेती की जमीनों के दाम भी आसमान छू रहे है। किसान जमीन तो कम दर पर बेचते है लेकिन उन्हें खरीददार तो स्टाम्प ड्यूटी कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार देना पड़ता है। इसके चलते खेती की जमीनों नहीं बिक पा रही है। यदि स्टाम्प शुल्क कम किया जाता है तो खेती की जमीनों की खरीदी-बिक्री में इजाफा होंने के आसार है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ लेने के लिए महिला स्वसहायता समूह बैंको से कर्ज लेकर काम कर रही है। किसानों का कर्ज माफ करने के बाद अब सरकार महिला स्वसहायता समूहों का कर्ज माफ करने की तैयारी में है। इससे पशुपालन के लिए कर्ज, आचार,पापड़, बड़ी उद्योग, सिलाई, कढ़ाई, जड़ी-बूटी आधारित योजनाओं, छोटे घरेलु उद्योगों का संचालन कर रहे महिला स्वसहायता समूहों को शमिल किया जाएगा।
सरकार ने जिस तरह किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ किए है उसी तरह महिला स्वसहायता समूहों के कर्जमाफी के लिए भी सरकार दो लाख रुपए तक की सीमा तय कर सकती है। इसके अलावा इसमें भी आयकरदाता ना होंने की शर्त भी रहेगी। कर्ज की सीमा अधिक होंने पर राज्य सरकार इसमें किसी एक प्रकार के काम के लिए लिए गए कर्जमाफी की सीमा भी तय कर सकती है। इसके लिए सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और वित्त को योजना का स्वरुप तय करने को कहा गया है।