‘मंदिर नहीं मिशेल के नाम पर चुनाव लड़ेगी BJP’
मुंबई
केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा है कि मुद्रा स्फीति, बेरोजगारी, नोटबंदी, किसान आत्महत्या और राम मंदिर के मुद्दे अब पीछे चले जाएंगे और बीजेपी मिशेल के नाम पर चुनाव लड़ेगी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि बीजेपी जिस तरह से अगुस्टा वेस्टलैंड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेर रही है, उससे ऐसा लगता है कि देश के मुख्य मुद्दे पीछे छूट जाएंगे और चुनाव में भाजपा का मिशेल पुराण ही चलेगा।
शिवसेना ने कहा है कि अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे में रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं और दोषी चाहे कितने ही बड़े क्यों न हों, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। लेकिन, चूंकि मिशेल ने सोनिया गांधी तथा कांग्रेस के अन्य नेताओं का नाम ले लिया है, तो जनता राफेल घोटाले को भूल नहीं जाएगी।
'मिशन मिशेल' का मकसद 2019
शिवसेना ने अपने आरोप में कहा कि जब मिशेल का दुबई से प्रत्यर्पण हुआ था, उस वक्त पांच राज्यों में चुनाव प्रचार चल रहा था और भाजपा खुद ही परेशान थी। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ चुनावी रैलियों में इस बिचौलिए का जिक्र किया था और दावा किया था कि कुछ धमाकेदार खुलासे होंगे और वह किसी को भी नहीं बख्शेंगे। अब हमें समझ आ रहा है कि उनका इशारा किस ओर था।' शिवसेना के मुखपत्र में लिखा है कि मिशेल के खिलाफ जांच शुरू होने से पहले ही मोदी का गांधी परिवार की ओर संकेत करना हास्यास्पद है और इससे स्पष्ट है कि जांच की दिशा क्या है। 'मिशन मिशेल' का उद्देश्य '2019' है।'
एजेंसी का दुरुपयोग
शिवसेना का कहना है कि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य को क्लीनचिट इसलिए मिल गई, क्योंकि सीबीआई ने अदालत में कहा कि एजेंसी पर बड़े भाजपा नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव था। शिवसेना ने कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में रहती तो भाजपा नेताओं के नाम आरोपियों की सूची में रहते। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकारी तंत्र दो चार लोगों के अधीन है और राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इसका दुरूपयोग किए जा रहा है।