भारत बंद के वे ‘नेता’ जिनके खिलाफ दर्ज केस होंगे वापस!
मुरैना
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश में एससी एसटी एक्ट के दौरान जितने भी राजनीतिक केस दर्ज हुए थे वे सब निरस्त किए जाएंगे. इस ऐलान के बाद अब मध्य प्रदेश में लगभग केस वापस ले लिए जाएंगे. प्रदेश में आंकड़ों की बात की जाए तो कुछ जिलों में आंकड़े उस समय बताए गए थे जिनमें चंबल के जिलों में मामले सामने आए थे.
चंबल के मुरैना में दो अप्रैल को हुई हिंसा में जो नाम सामने आए थे उनमें बिट्टा कथूरिया, रविन्द्र कथूरिया जितेंद्र बौद्ध मुख्य नाम थे. यह नेता किसी खास पार्टी से नहीं जुड़े हुए थे लेकिन उस दौरान ये लोग चर्चा में थे. उस दौरान हिंसा फैलाने के मामले में करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. और 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. ग्वालियर, भिंड व मुरैना सहित पूरे मध्य प्रदेश में हाई अलर्ट किया गया था.
दरसअल, मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को चेतावनी दी थी कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाए नहीं तो बसपा राज्य की कांग्रेस सरकारों से समर्थन वापसी पर विचार कर सकती है. मायावती के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी (प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटीज़) एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी और इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ़्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही थी. इस फैसले के खिलाफ ही भारत बंद का ऐलान किया गया था. कई संगठन इस फ़ैसले से नाराज हो गए थे. हालांकि, केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी.