भारत ने दुश्मन के रेडारों को ध्वस्त करने वाली नई ऐंटी-रेडिएशन मिसाइल का किया परीक्षण
नई दिल्ली
भारत ने नई पीढ़ी की ऐंटी-रेडिएशन मिसाइल का परीक्षण किया है जो तमाम सर्विलांस और रेडार सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है। खास बात यह है कि इस मिसाइल का परीक्षण सुखोई-30MKI फाइटर जेट से दागकर किया गया है। न्यू-जेनरेशन ऐंटी-रेडिएशन मिसाइल (NGRAM) करीब 100 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है। हवा से जमीन में मार करने वाली इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। DRDO इससे पहले रूस के साथ संयुक्त रूप से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को विकसित किया था। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मिसाइल का परीक्षण 18 जनवरी को बालासोर में सुखोई-30MKI से किया गया। मिसाइल के सारे सिस्टम सही से काम कर रहे थे और इसने बंगाल की खाड़ी में स्थित लक्ष्य को सटीक तरीके से भेद दिया। NGRAM को सुखोई विमानों से अलग-अलग कोणों और गति से दागा जा सकता है।'
गुरुवार को डीआरडीओ-नेवी ने संयुक्त रूप से लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (LR-SAM) एक अन्य आधुनिक बराक मिसाइल का INS चेन्नै से परीक्षण किया। इसका निर्माण डीआरडीओ ने इजरायली ऐरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल के साथ मिलकर किया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और नेवी को बधाई दी और इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। सुपरसोनिक बराक-8 मिसाइल सिस्टम का इंटरसेप्शन रेंज 70 से 100 किलोमीटर है। अभी यह परीक्षण की प्रक्रिया में है। एक बार पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद, इसे सभी भारतीय युद्धपोतों पर तैनात किया जाए जो दुश्मनों के फाइटर प्लेन, ड्रोन, हेलिकॉप्टर, मिसाइल और दूसरे हथियारों से रक्षा करेगा।