पूर्ण शराबबंदी पर सरकार असमंजस में, CM बोले- नई नीति बनने तक पुरानी जारी रहेगी

रायपुर
 पूर्ण शराबबंदी के कांग्रेस के संकल्प और चुनावी वादों के बावजूद सरकार इस मुददे पर असमंजस में है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, शराबबंदी को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। नई नीति तैयार करने में अभी समय लगेगा, जाहिर है तब तक पुरानी शराब नीति बहाल रहेगी।

उन्होंने कहा, अभी मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है। अब वे विभागों की समीक्षा करेंगे। वहां से प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा। नई नीति का फैसला कैबिनेट में ही लिया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर वादों से मुकरने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस जो वादा करके सत्ता मेंं आई है उससे युवाओं और महिलाओं को बड़ा धोखा मिलने वाला है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता अमित जोगी ने इसे कांग्रेस सरकार की दूसरी वादाखिलाफी बताया है।

जोगी ने कहा, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। लेकिन आबकारी विभाग शराब के नए ब्रांडों के पंजीयन की बात कर रहा है। जोगी ने कहा, इसका मतलब है कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष से ठेकों का व्यवस्थापन करने जा रही है।

होगा कोचियों का आतंक : रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, शराबबंदी पर कांग्रेस नाटक कर रही है। उन्होंने चेतावनी के लहजे से कहा, बस 60 दिन रुक जाइए, उसके बाद देखिएगा, शराब की दुकान फिर से ठेकेदार के हाथ में होगी। कोचियों का आतंक होगा और महिलाएं जिस तरह लाठियां लेकर निकलती थीं, वह दिन लौट आएगा।

फिलहाल तो ठेका पद्घति से नहीं बिकेगी शराब
सोशल मीडिया पर पुरानी ठेका पद्घति से शराब बिक्री की अफवाह उड़ी। वॉयरल संदेशों में आबकारी के एक विज्ञापन का हवाला देकर कहा गया कि अब निजी ठेकेदारों के जरिए शराब बेची जाएगी। बाद में आबकारी विभाग ने साफ किया कि उनका विज्ञापन देश में बनी विदेशी मदिरा और आयातित विदेशी मदिरा के नए ब्रांड व लेबलों के पंजीयन के लिए था। इसका देशी व विदेशी मदिरा के फुटकर विक्रय के व्यवस्थापन एवं ठेका से संबंध में नहीं है। आबकारी अधिकारियों का कहना था, यह सामान्य प्रक्रिया है जो हर साल होती है।

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