दिल्ली में सत्ता विरोधी लहर नहीं, CM के लिए केजरीवाल हैं पहली पसंद

 
नई दिल्ली   
         
दिल्ली के वोटरों की नब्ज़ पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मजबूत पकड़ बनी हुई है. जहां केजरीवाल दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए लोकप्रियता की दौड़ में कहीं आगे हैं, वहीं AAP सरकार के कामकाज से भी दिल्ली के वोटर संतुष्ट ज़्यादा हैं और असंतुष्ट कम. इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस माई इंडिया की ओर से एकत्र पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) डेटा के मुताबिक केजरीवाल की लोकप्रियता में बीते तीन महीने में 2% का इज़ाफा हुआ है. AAP और कांग्रेस के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन हो या ना हो, इस सवाल पर दिल्ली के वोटरों की राय करीब-करीब बराबर बंटी नज़र आई.

लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकजुटता के नाम पर AAP और कांग्रेस में गठबंधन होगा या नहीं, ये सवाल सियासी फ़िज़ा में बीते कई महीनों से तैर रहा है. PSE सर्वे के मुताबिक जहां 40%  प्रतिभागियों ने कहा कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होना चाहिए. वहीं 39% वोटरों ने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के पक्ष में राय व्यक्त की. सर्वे में 21% वोटर इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय व्यक्त नहीं कर सके.

PSE डेटा के मुताबिक अक्टूबर PSE सर्वे में केजरीवाल को 47% वोटर मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद बता रहे थे. जनवरी 2019 के PSE में 49% वोटरों ने राय जताई कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर एक और कार्यकाल मिलना चाहिए. सर्वे डेटा के मुताबिक केजरीवाल और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के बीच भारी अंतर नज़र आता है.

  
ताजा सर्वे में जहां केजरीवाल को 49% वोटर मुख्यमंत्री के तौर पर दोबारा देखना चाहते हैं, वहीं 14% वोटरों ने मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री के लिए अपनी पसंद बताया. तीन महीने पहले हुए PSE सर्वे में मनोज तिवारी को 9% वोटरों ने अपनी पसंद बताया था. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित की लोकप्रियता में बीते तीन महीने में 7% की गिरावट आई. अक्टूबर सर्वे में 19% वोटर मुख्यमंत्री के लिए शीला दीक्षित को पहली पसंद बता रहे थे, ये आंक़ड़ा जनवरी PSE सर्वे में घटकर 12% ही रह गया.  

दिल्ली में AAP के लिए PSE सर्वे से अच्छी ख़बर ये है कि जहां केजरीवाल मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बने हुए हैं, वहीं केजरीवाल सरकार के कामकाज से संतुष्ट बताने वाले लोगों की संख्या में भी बीते तीन महीने में 2% की बढ़ोतरी हुई है. अक्टूबर PSE में केजरीवाल सरकार के कामकाज से खुद को संतुष्ट बताने वाले प्रतिभागियों की संख्या 41% थी, जो इस साल जनवरी सर्वे में बढ़कर 43% हो गई. वहीं केजरीवाल सरकार के कामकाज से असंतुष्ट प्रतिभागी अक्टूबर में 35% थे, जो जनवरी 2019 में घटकर 34%  रह गए.

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