ठंडा हुआ डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा, PAK के नए PM इमरान खान से मिल सकते हैं US राष्ट्रपति
ठीक एक साल पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे ट्वीट्स के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद रोक दी थी, लेकिन अब लगता है कि ट्रंप का गुस्सा कम हो गया है और अब वह 'झूठे और धोखेबाज' देश के साथ अपने रिश्ते बहाल करने की योजना बना रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह पाकिस्तान में नए नेतृत्व से मुलाकात करने की सोच रहे हैं, साथ ही उन्होंने इस्लामाबाद पर 'शत्रुओं को पनाह' देने का आरोप लगाया.
'डॉन' ने अपनी रिपोर्ट में 'सीएनएन' का हवाला देते हुए बताया कि ट्रंप का यह बयान वित्त के गैर आवंटन के मुद्दे पर एक कैबिनेट बैठक के दौरान आया, जिस वजह से अमेरिकी सरकार को अपना कामकाज आंशिक रूप से बंद करना पड़ा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं. इससे पहले दिसंबर में उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को एक पत्र लिखकर अफगान युद्ध के संबंध में समझौते के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सहयोग मांगा था. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ बहुत अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन वे शत्रुओं को पनाह देते हैं और उनका ख्याल भी रखते हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'हम ऐसा नहीं कर सकते. इसलिए मैं पाकिस्तान में लोगों से और नए नेतृत्व से मुलाकात करने की सोच रहा हूं. हम भविष्य में बहुत जल्दी ऐसा करेंगे. ट्रंप लगातार पाकिस्तान के प्रति सख्त रवैया अपनाते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इतना अधिक धन हमसे लेने के बावजूद इस देश ने 'हमारे लिए कुछ नहीं किया है.' उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 बिलियन डॉलर की अमेरिकी आर्थिक मदद रोक दी थी.
पिछले साल की शुरुआत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख ट्वीट के बाद अब अमेरिका ने आतंकवाद रोकने के लिए पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग रोक दी थी. तब अमेरिका ने 255 मिलियन डॉलर (करीब सवा 1600 करोड़ रुपये) की फंडिंग को रोक दिया गया था.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े तेवर के बाद पाकिस्तान ने भी ट्रंप के खिलाफ अपना कड़ा रुख अख्तियार किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप को हाल में तीखे जवाब दिए हैं और अपनी विदेश नीति के विकल्पों की समीक्षा का संकेत दिया है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से अफगानिस्तान में अमेरिका की नाकामी की वजहों का अवलोकन करने की सलाह दी है.
इसके बाद से ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति रवैया नरम हुआ. इमरान खान को लिखे पत्र से इसे समझा जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'युद्ध से अमेरिका और पाकिस्तान दोनों देशों को हानि हुई है.