टारगेट पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बड़े भाई, 24 घंटे में फिर ट्रांसफर
ग्वालियर
पूर्व मंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा के बड़े भाई प्रो. आनंद मिश्रा को नई सरकार ने अब अपने निशाने पर ले लिया है। 19 दिसम्बर को एक आदेश जारी कर उन्हें स्कूल भवन में संचालित शासकीय कॉलेज सहरई (अशोक नगर) भेजा था। शुक्रवार शाम जब उन्होंने वहां ज्वाइनिंग भी दे दी तो शनिवार को दोपहर बाद एक नया आदेश जारी कर, उनका ट्रांसफर शासकीय महाविद्यालय तेन्दुखेड़ा जिला दमोह कर दिया गया ।
यूं तो चुनाव से पहले ही प्रो. आनंद मिश्रा कांग्रेसियों के निशाने पर आ गए। उन पर जीवाजी विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद पर रहते हुए आदर्श आचार संहिता का पालन न करने का आरोप लगा था। इसी आरोप के चलते उन्हें 2 नवम्बर संभागायुक्त कार्यालय इंदौर में भेज दिया गया था। इतना ही नहीं, उनकी छुट्टियों, मुख्यालय (इंदौर) छोड़ने पर भी परोक्ष रूप से रोक लगा दी गई थी। चुनाव के बाद सरकार बदलते ही 19 दिसम्बर को एक आदेश जारी कर उनकी प्रतिनियुक्ति पर दी गईं सेवाएं खत्म करते हुए वापस उच्च शिक्षा विभाग में बुला लिया गया था। विभाग में वापसी के साथ ही उन्हें हायरसेकंडरी स्कूल सहरई जिला अशोकनगर के परिसर में दो कमरों में संचालित नए बने कॉलेज में पदस्थ कर दिया था।
सरकार की मंशा को समझते हुए प्रो आनंद मिश्रा ने शुक्रवार को संभागायुक्त कार्यालय इंदौर से रिलीविंग के साथ ही शाम को शासकीय कॉलेज सहरई जाकर अपनी ज्वाइनिंग भी दे दी थी। उनकी ज्वाइनिंग को 24 घंटे पूरे होने से पहले शनिवार को दोपहर बाद एक आदेश जारी कर उनके पदस्थापना स्थल में संसोधन करते हुए उन्हें शासकीय महाविद्यालय तेन्दुखेड़ा जिला दमोह में पदस्थ कर दिया है।
राजनीतिक बदला कार्रवाई माने जा रहे इन ट्रांसफर आदेशों को लेकर विभाग के अधिकारी भी जल्दबाजी में दिख रहे हैं। पहले आदेश में जब प्रो. मिश्रा को सहरई भेजा गया था, तब वेतन आदि के लिए सूचना जिला कोषालय अधिकारी रायसेन को दी गई थी। इस बार 22 दिसम्बर को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रो. मिश्रा का संभागायुक्त कार्यालय इंदौर में किया गया संलग्नीकरण भी समाप्त किया जाता है। हकीकत यह है कि वे पहले आदेश के ही क्रम में 21 दिसम्बर को ही कार्यमुक्त व ज्वाइनिंग प्रक्रिया कर चुके हैं।
19 दिसम्बर को जारी आदेश में भी प्रो.मिश्रा को तत्काल प्रभाव से ज्वाइनिंग देने को कहा गया था। इस बार 22 दिसम्बर को जारी आदेश में भी उन्हें तत्काल प्रभाव से ज्वाइनिंग देने को कहा गया है। स्पष्ट है कि नई सरकार उन्हें कोर्ट जाने देने, सोचने-समझने का समय भी नहीं देना चाहती।