गंगा की सफाई के लिये साफ नीयत भी जरूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर गंगा की सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ‘बहाने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि इस नदी को निर्मल बनाने के लिए साफ नीयत की भी जरूरत है. पीएम ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में ‘एक जनपद, एक उत्पाद समिट’ के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार काशी समेत सम्पूर्ण पूर्वांचल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उसी तरह मां गंगा की पवित्रता और अविरलता के प्रति भी उनकी प्रतिबद्धता है. सरकार के प्रयासों के परिणाम धीरे-धीरे दिखने भी लगे हैं.
उन्होंने कहा कि जब पूरी पारदर्शिता, प्रामाणिकता और जनभागीदारी से सरकार काम करती है तब सार्थक परिणाम अवश्य मिलते हैं. वरना, आप तो साक्षी रहे हैं कि गंगा एक्शन प्लान से लेकर, गंगा बेसिन अथॉरिटी तक न जाने कैसी-कैसी योजनाएं बनाई गईं.
पीएम ने कहा कि मां गंगा के नाम पर हजारों करोड़ बहा दिए गए. गंगा की निर्मलता के लिये धन की शक्ति ही काफी नहीं है, साफ नीयत भी चाहिए. नीयत साफ है तो गंगा का भी साफ होना तय है. हम पूरी ईमानदारी और साफ नीयत से गंगा को स्वच्छ करने के अभियान में जुटे हैं.
मोदी ने अपनी सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के जिक्र के बहाने भी विरोधियों पर निशाना साधा और कहा कि इससे बिचैलियों को हटाने में बहुत मदद मिली है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘मेक इन इडिया’ को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है. उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला, एक उत्पाद योजना मेक इन इंडिया का एक तरह से मजबूत विस्तार है. यह योजना इस प्रदेश को दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने में सक्षम है. यह राज्य तो कुटीर, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) का हब है. कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार यही क्षेत्र देता है. यहां यह क्षेत्र परम्परा का हिस्सा है. यह परम्परा बनी रहे, इसके लिये केन्द्र और राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है.
मोदी ने कहा कि देश में एमएसएमई को सशक्त करने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है. सरकार का प्रयास है कि जितने भी एमएसएमई जीएसटी से जुड़े रहे हैं, उन्हें बैंक कर्ज के लिये बहुत मशक्कत ना करनी पड़े. वे ऑनलाइन कर्ज के लिये आवेदन कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आज यहां जितनी भी योजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास हुआ है, उन सभी के मूल में एक बात प्रमुख है. वह है, जीवन आसान हो, व्यापार आसान हो. ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस. इन दोनों का आपस में जितना सम्बन्ध है, उतना ही विकास की इन तमाम परियोजनाओं का आपस में सम्बन्ध है.
मोदी ने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय द्वारा आज ‘सम्पन्न‘ योजना शुरू की गई है. अब पेंशन की स्वीकृति से लेकर निपटारे तक का काम खुद विभाग ही करेगा. इससे सरकार को हर साल करोड़ों रुपये की बचत तो होगी ही, पेंशन धारकों को भी बहुत बड़ी सुविधा होगी. इससे करीब 11 हजार करोड़ की पेंशन का समय पर भुगतान हो सकेगा. पेंशनधारक अपने मोबाइल फोन से स्टेटस पता कर सकेगा. पहले अलग-अलग विभागों से जुड़ी होने के कारण प्रक्रिया में देर लगती थी.
उन्होंने कहा कि सरकार इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिये घर-घर तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने में जुटी है. देश के 25 हजार डाकघरों में यह सुविधा शुरू हो चुकी है. बाकी में भी बहुत जल्द बैंकिंग सेवा शुरू हो जाएगी. देश भर में फैले तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस नेटवर्क से तमाम सुविधाएं गांवों तक भी पहुंचाई जा रही हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या में 65 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. आज देश में 50 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन हैं. गांवों में भी इसका दायरा बढ़ा है. देश की लगभग सवा लाख पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ चुकी हैं. आने वाले समय में जब देश के कोने-कोने में ब्रॉडबैंड पहुंचेगा तब डिजिटल इंण्डिया को नई पहचान मिलेगी. यह भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी लेन-देन में पारदर्शिता का साधन भी बन रहा है.
वाराणसी के सांसद ने कहा कि दिव्य काशी का स्वरूप और भी भव्य होता जा रहा है. आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है वे सभी काशी की सुंदरता को और निखारने वाली हैं. सरकार का प्रयास है कि काशी की आत्मा से छेड़छाड़ किये बिना, हमारा यह चिर पुरातन शहर नई काया के साथ दुनिया के सामने आए.
मोदी ने काशी के लोगों का अगले महीने वाराणसी में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस के लिये तैयारी करने का भी आह्वान किया. इसके पूर्व, प्रधानमंत्री ने 279 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया. इनमें अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान की परियोजना भी शामिल है.