किसानों का 31 दिसंबर तक का कर्ज होगा माफ
भोपाल
सरकार ने किसानों की कर्जमाफी की सीमा में बदलाव की तैयारी कर ली है। गुरुवार को कमलनाथ कैबिनेट की दूसरी बैठक में अधिकारियों ने कर्जमाफी के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। कैबिनेट में किसानों को उर्वरक की आपूर्ति और उसमें आ रही दिक्कतों पर भी मंथन हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री नाथ ने किसानों के कर्ज़माफ़ी पर मंत्रियों की राय जानी। मंत्रियों ने सुझाव दिया कि कर्ज़माफ़ी की तारीख़ बढ़ायी जाना चाहिए। संभव है कि सरकार कर्जमाफी के लिए तय तारीख 31 मार्च को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दे। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा मिलेगा। कैबिनेट की अगली बैठक में 5 जनवरी को कर्जमाफी की तिथि बढ़ाने का यह प्रस्ताव लाया जाएगा।
हमने अपना वचन निभाया,
किसानों का कर्ज चुकाया ।
उम्मीदों का बीज लगाएंगे,
खेतों की खुशिया लौटाएंगे ।।#CongressNeVachanNibhaya pic.twitter.com/ijxq0aChIa— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 17, 2018
कमलनाथ कैबिनेट का 25 दिसंबर को गठन हुआ। उसके बाद से लगातार बैठकों का दौर जारी है। कैबिनेट की ये लगातार दूसरी और अनौपचारिक रूप से तीसरी बैठक थी। इसमें चर्चा का मुख्य मुद्दा किसानों का कर्ज़माफ़ी था। बैठक में अधिकांश मंत्रियों ने कर्ज़माफी की समय सीमा को बढ़ाने का सुझाव दिया। गौरतलब है कि किसानों का कर्ज़माफ़ी कांग्रेस का प्रमुख चुनावी वादा था। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद कर्ज़माफ़ी की फाइल पर सबसे पहले हस्ताक्षर किए थे।
उस वक्त जारी आदेश में कहा गया था कि उन किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिलेगा, जिन्होंने राज्य में स्थित सहकारी या राष्ट्रीयकृत बैंकों से शॉर्ट टर्म लोन लिया है। ऐसे किसानों का 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। इस समय सीमा से किसान खुश न दिखे। उनका कहना था कि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म होने के कारण अधिकांश किसान अपना कर्ज चुका होते हैं। केवल डिफाल्टर ही बचते हैं जिन्हें कर्जमाफी की सौगात मिल रही है। किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार इस सीमा को 31 दिसंबर 2018 तक बढ़ाने जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंचाई सुविधाओं के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने रबी की फसल के लिए सिंचाई के महत्व को देखते हुए ट्रांसफार्मर के फेल होने पर उसे बदलने का काम तत्परता से करने के निर्देश दिए। ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त एवं निरंतर बिजली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।