कांग्रेस ही नहीं, अकालियों से निपटने भी जालंधर पहुंच रहे हैं मोदी
नई दिल्ली
नया साल आते ही भारतीय जनता पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है. पीएम इसका आगाज पंजाब की धरती से करने जा रहे हैं. वैसे तो पंजाब में बीजेपी का शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ गठबंधन है. लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री अपनी पहली रैली का आगाज जालंधर से करने जा रहे हैं, इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.
सिख समुदाय के बीच से कांग्रेस पर वार
पीएम मोदी आज पहले जालंधर और उसके थोड़ी देर बाद गुरदासपुर स्थित पुडा ग्राउंड में लोगों को संबोधित करेंगे. इन रैलियों में पीएम मोदी 1984 सिख दंगे का जिक्र कर सकते हैं. पीएम सिख समुदाय को ये संदेश देने की कोशिश करेंगे केंद्र सरकार की सक्रियता की वजह से ही आज कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार कड़ी सजा मिली और वो सलाखों के पीछे पहुंचे.
पीएम मोदी यहीं से कांग्रेस पर भी 1984 सिख दंगे को लेकर प्रहार कर सकते हैं. क्योंकि जालंधर और गुरदासपुर सिखों का गढ़ है और हाल में सज्जन कुमार को मिली सजा को बीजेपी भुनाने से पीछे नहीं हटेगी. पीएम मोदी सिख समुदाय को समझाने की कोशिश करेंगे उनकी असली हमदर्द बीजेपी है और कांग्रेस तो कभी 84 मामले को लेकर गंभीर थी ही नहीं. आज अगर बीजेपी सत्ता में नहीं होती तो सिख समुदाय को 84 मामले में इंसाफ नहीं मिल पाता.
अकाली दल पर दबाव
बीजेपी के रणनीतिकारों ने सोझ-समझ कर पीएम मोदी की पहली रैली के लिए पंजाब के जालंधर शहर को चुना है. बीजेपी एक तीर से दो शिकार करना चाहती है. एक तो वैसी सीटों पर फोकस कर रही है, जहां 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी कामयाबी नहीं मिली थी, दूसरा अपने सहयोगी दल (अकाली) को संदेश देना चाहती है कि पंजाब में अब उस वो ताकत नहीं रही जो आज से 4 साल पहले थी. यानी बीजेपी पंजाब में सीट बंटवारे से पहले इस रैली के माध्यम से अकाली दल पर दबाव बनाने की कोशिशि करेगी.
सूत्रों के मुताबिक जालंधर और लुधियाना सीट पर बीजेपी की नजर है, जालंधर में रैली कर पीएम मोदी अकाली दल को अपनी ताकत का अहसास कराना चाहते हैं. क्योंकि पिछले कई लोकसभा चुनाव से पंजाब में अकाली 10 सीटों पर और बीजेपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ती आई है. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी अकाली पर ज्यादा सीटें देने का दबाव बना सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी को लगता है कि पंजाब में अकाली की ताकत अब कमजोर हुई है इसलिए बीजेपी 3 के बजाय 5 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी.
2014 के नतीजे पर एक नजर
गौरतलब है कि पंजाब में कुल 13 लोकसभा सीटें हैं, 2014 के चुनाव में बीजेपी-अकाली गठबंधन को यहां 6 सीटों पर जीत मिली थी. पंजाब में अकाली दल 10 सीटों पर और बीजेपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 2014 में अकाली में 10 में से 4 पर जीत मिली थी और बीजेपी की 3 में से 2 सीट पर जीत हुई थी. लेकिन गुरदासपुर सीट पर अभिनेता विनोद खन्ना के निधन से उपचुनाव में इस सीट पर भी कांग्रेस ने कब्जा कर लिया. लेकिन अब पंजाब के बीजेपी कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए पीएम मोदी खुद पहली रैली का आगाज यहां से कर रहे हैं.