कर्जमाफी तो हो गई, अब खाद की कमी से जूझ रहे किसानों ने बढ़ाई एमपी कांग्रेस की चिंता

ग्वालियर  
सत्ता में आते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. यहां खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों में खासी नाराजगी देखी जा रही है. बता दें कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों के दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी थी.

किसानों का आरोप है कि प्राइवेट डीलरों की ब्लैक मार्केटिंक के चलते खाद की कमी हो रही है. राज्य सरकार किसानों के लिए पर्याप्त यूरिया सप्लाई करने की दिशा में कोशिशें तेज कर दी हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा से खाद सप्लाई बढ़ाने के संबंध में बात की है. उन्होंने रेलवे रैक उपलब्ध कराने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी बात की है.

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जानबूझकर प्रदेश में खाद सप्लाई को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने एमपी के हिस्से का खाद भी दूसरे राज्यों में बांट दिया.

वहीं विपक्ष ने सत्ताधारी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल में यूरिया के डिमांड की जानकारी अपडेट नहीं की इस वजह से केंद्र ने एमपी में यूरिया सप्लाई नहीं किया.

इस समस्या के लिए कांग्रेस को दोष देते हुए बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, “यह कांग्रेस की पुरानी नीति रही है कि बिचौलिये सप्लाई का बड़ा हिस्सा अपने पास रख लेते हैं, जिसके चलते महंगाई बढ़ती है, खाद में कमी आती है और मार्केट में नकली खाद की बिक्री बढ़ जाती है.”

एमपी में खरगौन, गुना, रायसेन, अशोकनगर, विदिशा, सागर, जबलपुर और राजगढ़ जिलों में किसानों को पर्याप्त यूरिया नहीं मिला है. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भी किसानों ने खाद की कमी की शिकायत की है.

फिलहाल मध्य प्रदेश सरकार ने एनएफएल, चंबल फर्टिलाइजर प्लांट और इफ्को प्लांट से प्रभावित क्षेत्रों में खाद भिजवाया है.

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