एमपी विधानसभा का पहला सत्र कल, सदन में फिर सुनाई देगी व्यापमं की गूंज
भोपाल
सोमवार से विधानसभा का पहला सत्र शुरु होने जा रहा है।, ऐसे में व्यापमं की गूंज फिर सुनाई देने वाली है। खबर है कि जिस व्यापमं मुद्दे को लेकर सदन में कांग्रेस भाजपा सड़क से लेकर सदन तक को घेरती आई है वही कांग्रेस अब सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस नेताओं द्वारा इस मुद्दे को आधार बनाकर फिर भाजपा का घेराव किया जाएगा, लेकिन अंतर यह रहेगा कि इस बार सदन में सत्ता में कांग्रेस और विपक्ष में बीजेपी रहेगी। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले सदन में व्यापमं की यह गूंज बीजेपी के लिए मुश्किले खड़ी कर सकती है।
दरअसल पदभार ग्रहण करने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने साफ कहा था कि अब सत्ता में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस एक बार फिर व्यापमं की जांच करवाएगी और दोषिय़ों पर कार्रवाई भी की जाएगी।। वही हाल ही में पत्रकारों से चर्चा के दौरान खनिज मंत्री जायसवाल ने भी व्यापमं मुद्दे को लेकर विधानसभा में सवाल उठाने की बात कही थी। उन्होने कहा था कि उन्होंने खुद सरकार से इस मामले में जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है।खनिज मंत्री के बयान से तो यह साफ जाहिर है कि एक बार फिर कांग्रेस शासन काल में व्यापमं का जिन्न बाहर निकलने वाला है। अब देखना होगा कि इस घोटाले के कौन-कौन से नए पन्ने खुलते हैं और किन नेताओं का नाम सामने आता है।
अगर कांग्रेस इस मामले की जांच फिर करवाती है तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि कांग्रेस विपक्ष में रहकर कई बार शिवराज और उनके परिवार पर इसको लेकर कई तरह के आरोप लगा चुकी है। कुछ महिनों पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था पहली बार जब्त हुए डेटा में व्यापमं के माध्यम से प्रवेश कराने वाले सिफारिशकर्ता के तौर पर 48 बार शिवराज का नाम और मिनिस्टर-1, मिनिस्टर-2 और मिनिस्टर-3 के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है। लेकिन सीबीआई उन्हें बचा रही है। सीबीआई तथ्यों की अनदेखी कर रही है, इसीलिए दिग्विजय सिंह ने मुकदमा दायर किया गया। दिग्विजय ने कुल 27,000 पन्नों के दस्तावेज पेश कर दिए। मध्यप्रदेश के इस शिक्षा घोटाले ने अन्य प्रदेशों के लोगों को भी प्रभावित किया था।