एक अनोखा प्राचीन मंदिर जहाँ शिव लिंग चारों दिशा में घूमता है
एक अनोखा प्राचीन मंदिर जहाँ शिव लिंग चारों दिशा में घूमता है
छत्तीसगढ़ में बहुत सी ऐतहासिक जगह है उसमें से आज हम एक ऐसी जगह के मंदिर का वर्णन करने जा रहे जहा मंदिर में दो गर्भ ग्रह है और दोनों गर्भ ग्रह में शिवलिंग विराजमान जो अपनी अलग पहचान लिए है क्योंकि यह शिवलिंग चारों दिशाओं में 360० डिग्री घूम सकता है।जो छत्तीसगढ़ के बारसूर का बत्तीसी मंदिर है यह अनोखा मंदिर है जहा शिव लिंग चारों ओर घूम जाता है इस कारण यह मंदिर अपने आप में अपनी विशेष पहचान लिए हुए है।इस मंदिर की ऐसी मान्यता है की यह 10वी-11वी शताब्दी में जो राजा रानी हुआ करते थे वह यह पूजन करते थे जिनके लिए एक ही मंदिर में दो गर्भग्रह बनाये गए थे जिसमें राजा और रानी अलग अलग शिवलिंग की पूजा करते थे इस ही कारण यह दो गर्भ में अलग अलग शिव लिंग स्थापित किए गए थे।
बारसूर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग का एक छोटा-सा गाँव है। इन्द्रावती नदी के किनारे बसा बारसूर जगदलपुर से 95 और दंतेवाड़ा से सिर्फ 33 किमी. की दूरी पर है। यह घने जंगलों के बीच स्थित है बताया जाता है की यह मंदिर नागवंशी राजाओं ने शासन काल का में बनाया गया था इस के साथ और भी मंदिर है जो मंदिर आज भी देखने लायक है। 10वीं-11वीं शताब्दी के इन मंदिरों और एतिहासिक स्मारकों को देखने के लिए आपको दंतेवाड़ा बारसूर बहुत से पर्यटक आते है यहाँ के बहुत से मंदिरो को पुरातत्व विभाग के सरक्षण में है यह विभाग ही इसका जीणोद्धार करा रहा है ।