ई-कॉमर्स पर आखिर कैसे खत्म होगा डिस्काउंट, कैशबैक
नई दिल्ली
केद्र सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में बदलाव पर सैद्धांतिक तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे ऐमजॉन और वॉलमार्ट के समर्थन वाली कंपनी फ्लिपकार्ट के लिए हैवी डिस्काउंट और कैशबैक का रास्ता लगभग नामुमकिन कर दिया है। इसका मूल कारण यह है कि संशोधित नीति से सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स में भारी बदलाव होगा। आइए, साधारण भाषा में समझते हैं कि भारतीय उपभोक्ताओं को मिलने वाले डिस्काउंट और कैशबैक की डगर कैसे कठिन होने वाली है।
डिस्काउंट और कैशबैक में क्या है सप्लाईचेन और लॉजिस्टिक्स की भूमिका?
1. ऐमजॉन के स्वामित्व वाली होलसेल कंपनियां (ऐमजॉन होलसेल्स) और फ्लिपकार्ट के स्वामित्व वाली होलसेल कंपनियां (फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ब्रांडेड माल काफी सस्ते भाव में मैन्युफैक्चरर्स से खरीदती है। इन सामानों को ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भारी डिस्काउंट और कैशबैक के साथ 'सेलेक्ट सेलर्स' के जरिये बेचा जाता है।
2. ऐमजॉन के मामले में सेलेक्ट सेलर्स वैसी कंपनियां हैं, जिनमें ऐमजॉन या इसकी किसी कंपनी की हिस्सेदारी होती है। सेलर्स ऐमजॉन की होलसेल कंपनी से माल खरीदती हैं। उदाहरण के लिए, क्लाउडटेल प्रियोन बिजनस सर्विसेज की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली कंपनी है। प्रियोन बिजनस सर्विसेज में ऐमजॉन और नारायणमूर्ति की काटामारन इंडिया की 49-51 फीसदी हिस्सेदारी है। इस तरह की कई कंपनियां हैं।
3. फ्लिपकार्ट के सेलेक्ट सेलर्स 'प्रीफर्ड सेलर्स' कहलाते हैं और ये तमामा सामान फ्लिपकार्ट की होलसेल कंपनी से खरीदती हैं।
4. ऐमजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट पर होने वाली कुल बिक्री में सेलेक्ट सेलर्स की हिस्सेदारी 70-80% है।
5. बिक्री के उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट की होलसेल इकाइयां उनकी कंपीटिटिव प्राइसिंग सेल्स का अहम हिस्सा है।
6. ऐमजॉन की आमदनी वित्त वर्ष 2017-18 में 73 फीसदी बढ़कर 12,224 करोड़ रुपये दर्ज की गई। समान अवधि में फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की आय समान अवधि में 40 फीसदी वृद्धि के साथ 21,000 करोड़ रुपये दर्ज की गई।
नए नियम से कैसे बदलेगा खेल?
1. ऑनलाइन मार्केट प्लेस (ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट इत्यादि) की जिन सेलेक्ट सेलर्स में हिस्सेदारी होगी, वे कंपनियां अपना माल नहीं बेच पाएंगी। इसका अर्थ यह हुआ कि क्लाउडटेल अब अपना माल ऐमजॉन पर तबतक नहीं बेच सकती है, जबतक उसमें ऐमजॉन अपनी हिस्सेदारी खत्म नहीं कर देती।
2. साथ ही, ऐमजॉन की कंपनी ग्लोबल स्टोर भी ऐमजॉन इंडिया के मार्केटप्लेस पर बिक्री नहीं कर सकती।
3. ऐमजॉन या फ्लिपकार्ट के पूर्ण स्वामित्व वाली होलसेल कंपनियों से कोई सेलर 25 फीसदी से अधिक माल नहीं खरीद सकता। बाकी का 75 फीसदी माल सेलर्स को दूसरी कंपनियों से खरीदना पड़ेगा। इससे सेलर्स की लागत ज्यादा पड़ेगी और वह डिस्काउंट या ऑफर देने की स्थिति में नहीं होगा।
4. जहां तक कैशबैक की बात है, तो नए नियम में गैर-भेदभाव पूर्ण और निष्पक्ष तरीके से बिक्री की बात कही गई है। इससे भी ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट पर सेलेक्ट सेलर्स इंडीविजुअली कैशबैक ऑफर नहीं कर सकते हैं।
5. किसी भी ब्रांड और मार्केटप्लेस के बीच ऑनलाइन एक्सक्लुसिव डील पर पाबंदी लगा दी गई है। इसका मतलब है कि अब श्याओमी अपना फोन केवल फ्लिपकार्ट पर हैवी डिस्काउंट के साथ नहीं बेच सकती है।
6. उपभोक्ताओं को सुपरफास्ट डिलीवरी ऑफर करने वाली ऐमजॉन फुलफिल्ड ऐंड फ्लिपकार्ट एश्योर्ड जैसी सेवाओं को भी भेदभावपूर्ण माना जाएगा।