इस सीरीज जीत के 6 हीरो, जिन्होंने बदल दिया इतिहास
नई दिल्ली
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में खेली गई 4 टेस्ट मैच की सीरीज में 2-1 से हराकर इतिहास रच दिया। भारत के लिए यह पहला मौका है, जब उसने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में टेस्ट सीरीज में हराया है। टीम इंडिया ने 1947-48 में पहली बार इस देश का दौरान किया था, तब से लेकर 11 दौरों तक वह यहां अपनी पहली टेस्ट जीत के इंतजार में था। लेकिन इस बार अपने 12वें दौरे पर विराट कोहली के नेतृत्व में यहां आई टीम इंडिया ने 71 साल पुराना यह इंतजार खत्म कर दिया। भारत की इस सीरीज जीत में ये 5 खिलाड़ी रहे खास…
चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। उनका प्रदर्शन इस बात की कहानी कहता है। चार मैचों की सीरीज में तीन शतक। पुजारा ने बताया कि आखिर टेस्ट मैच क्रिकेट होता क्या है। सुनील गावसकर से लेकर सचिन तेंडुलकर तक ने पुजारा की बल्लेबाजी की तारीफ की। पुजारा ने 74.42 के औसत से 521 रन बनाए।
पुजारा सीरीज में दोनों टीमों में अहम अंतर रहे चूंकि कोई दूसरा बल्लेबाज पूरी सीरीज में 400 का आंकड़ा भी नहीं टाप पाया। वह ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज में 500 रन बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने। उनसे पहले विराट कोहली (2014-15 में 692) और राहुल द्रविड़ यह कारनामा कर चुके थे। सिडनी टेस्ट में बनाए 193 रन सीरीज में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह ने जनवरी 2018 में भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेला और इसके बाद से वह मैच दर मैच बेहतर होते गए। बुमराह लगातार 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते रहे। उनके यूनीक ऐक्शन से की गई गेंदबाजी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को समझना मुश्किल रहा। वह भारत के लिए सीरीज में सबसे कामयाब गेंदबाज रहे। बुमराह ने 4 मैचों में 21 विकेट लिए।
ऋषभ पंत
ऋषभ पंत ने इस सीरीज में बल्ले से दमदार प्रदर्शन किया। वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सेंचुरी लगाने वाले भारत के पहले विकेटकीपर बने। सिडनी में उन्होंने 159 रनों की नाबाद पारी खेली। यह उनके टेस्ट करियर का दूसरा शतक रहा। पंत भारत के लिए सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहे। इतना ही नहीं वह ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले भारतीय विकेटकीपर भी बने। पंत ने सीरीज में कुल 20 कैच पकड़े। पंत ने सीरीज के पहले मैच में 25 और 28 रन बनाए। पर्थ के मुश्किल विकेट पर उन्होंने 36 और 30 रन बनाए। वहीं मेलबर्न में उन्होंने पहली पारी में 39 और दूसरी पारी में 33 रनों का योगदान दिया।
विराट कोहली
विराट कोहली ने सीरीज में 40.28 के औसत से 282 रन बनाए। इस सीरीज में उन्होंने एक शतक लगाया। यह ऑस्ट्रेलिया में उनके टेस्ट करियर की छठी टेस्ट सेंचुरी थी। इसके साथ ही उन्होंने सचिन तेंडुलकर के ऑस्ट्रेलिया में लगाए गए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक के भारतीय रेकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। माइकल क्लार्क की नजर में पर्थ में लगाई गई उनकी सेंचुरी उनके करियर की बेस्ट पारी थी। वहां बल्लेबाजी करना आसान नहीं था लेकिन कोहली ने संयम और तकनीक का गजब प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 82 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा इस सीरीज में विराट की कप्तानी और उनके साहसिक फैसले भी अहम रहे।
मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी ने भी सीरीज में अहम मौकों पर विकेट निकाले। उन्होंने सीरीज में कुल 16 विकेट लिए। शमी ने ऐडिलेड टेस्ट में पांच विकेट लिए। भारत ने यह मैच 31 रनों से जीता था। पर्थ में जब भारतीय कप्तान विराट कोहली ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया तो शमी ने यहां भी जोर लगाया। पहली पारी में हालांकि वह कोई विकेट नहीं ले पाए लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की। शमी एक मौके पर हैटट्रिक के करीब थे। उन्होंने टिम पेन और आरोन फिंच को लगातार गेंदों पर आउट किया था। शमी ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 56 रनों पर छह विकेट लिए थे। उनकी गेंदबाजी की मदद से भारत ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 243 रनों पर समेट पाया था। हालांकि भारत इसका ज्यादा फायदा नहीं उठा पाया और ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में वापसी करते हुए मैच जीत लिया था।
इशांत शर्मा
सीरीज के चौथे मैच में इशांत चोट की वजह से नहीं खेल पाए लेकिन दौरे पर सबसे अनुभवी गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे इशांत ने 3 मैचों में 11 विकेट लिए। इशांत ने अपने कद का अच्छा इस्तेमाल किया और ऑस्ट्रेलिया की उछालभरी विकेटों पका फायदा उठाया।