PM उम्मीदवारी पर मायावती के संकेत, ‘लगता है नमो हटा, भीम वालों को लाना चाहते हैं लोग’

नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव की आधी से अधिक लड़ाई पूरी हो गई है और अब 23 मई के समीकरणों पर हर किसी की नज़र है. समीकरणों के बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बड़ा बयान दिया, जिसके कई मतलब निकाले लगाए जाने लगे हैं. अंबेडकरनगर की जनसभा में समर्थकों का जोश देखते हुए मायावती ने कहा, ‘लगता है आप नमो को हटाना चाहते हैं और भीम वालों का वहां बैठाना चाहते हैं’. इसके साथ ही मायावती ने अंबेडकरनगर से चुनाव लड़ने के संकेत भी दे डाले.

यहां की जनसभा में संसद भवन के बाहर खड़े पीएम लिखे कटआउट दिखाई दिए तो रही सही कसर मायावती ने मंच से यह कहकर पूरी कर दी. मायावती ने कहा कि लगता है आप लोग दिल्ली जाना चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वह पहले भी यहां से सांसद रह चुकी हैं और आपकी भीड़ देख कर लगता है कि फिर यंहा से चुनाव लड़ना पड़ेगा.

अंबेडकरनगर जिला मायावती के काफी करीब है, उन्होंने ही 1995 में इस जिला बनाया और 2 बार यहां से सांसद और 1 बार विधायक भी रह चुकी हैं.

आपको बता दें कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में मायावती कहीं से प्रत्याशी नहीं हैं और न ही राज्यसभा प्रत्याशी हैं. लेकिन अगर समीकरण बनते हैं कि जहां उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना हो, तो उन्हें सदन जरूर पहुंचना होगा. और उनके बयान से संकेत है कि वह यहां से ही चुनाव लड़ सकती हैं.

भले ही मायावती ने पहली बार संकेतों में पीएम उम्मीदवारी को लेकर बयान दिया हो, लेकिन उनके साथी अखिलेश यादव कई बार इसके संकेत दे चुके थे. अखिलेश यादव कई मौकों पर कह चुके हैं कि सभी जानते हैं वह पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए किसका समर्थन करेंगे.

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पीएम उम्मीदवारी पर उन्होंने कहा था कि नेताजी पीएम बनते हैं तो अच्छा होगा, लेकिन वह अभी किसी तरह की रेस में नहीं हैं. इतना ही अखिलेश भी हर बार कहते आए हैं कि इस बार देश को नया प्रधानमंत्री मिलना चाहिए और वह उत्तर प्रदेश से ही निकलेगा. इतिहास को खंगाले तो देश में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही आए हैं, यहां तक की गुजरात में लंबे समय तक सत्ता चलाने वाले नरेंद्र मोदी ने भी पीएम बनने के लिए यूपी को ही चुना.

गौरतलब है कि 2014 में मोदी लहर का गवाह बने उत्तर प्रदेश में इस बार सपा-बसपा का गठबंधन ही बीजेपी को चुनौती दे रहा है. सपा यहां 37 और बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. गठबंधन में भी मायावती ही बड़े की भूमिका में हैं, इस लिहाज से यूपी से अगर नया पीएम निकलता है तो उनकी दावेदारी और भी मजबूत हो सकती है.

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