CORONAVIRUS: अमेरिकी सांसद का सनसनीखेज आरोप, चीन के साथ मिला हुआ है WHO
न्यूयॉर्क
कोरोना वायरस से हलकान हुए अमेरिका में डब्ल्यूएचओ के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद रिपब्लिकन सांसद रिक स्कॉट ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं और उसे दिए जा रहे फंड में कटौती की मांग की है। अमेरिका शुरुआत से ही चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर वायरस से जुड़ी जानकारी छुपाने के आरोप लगाता रहा है। स्कॉट का आरोप है कि अमेरिकी फंड का इस्तेमाल डब्ल्यूएचओ कम्युनिस्ट चीन के बचाव में कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस से कोरोना वायरस से लड़ने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच कराने की भी मांग की है।
WHO की भूमिका की हो जांच
फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सीनेटर रिक स्कॉट ने अमेरिकी कांग्रेस से अपील की है कि वह कोरोना वायरस से निपटने में डब्ल्यूएचओ के रेस्पॉन्स की जांच कराए। स्कॉट ने साथ ही सुझाव दिया कि अमेरिका को डब्ल्यूएचओ को दी जा रही फंडिंग में कटौती कर देनी चाहिए क्योंकि यह कोरोना वायरस पर 'कम्युनिस्ट चीन के बचाव' में लगा हुआ है। फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सिनेटर स्कॉट पहले भी चीन और डब्ल्यूएचओ के करीबी संबंध को लेकर चिंता जाहिर की थी। उनका आरोप है कि चीन ने अपने यहां हुई मौत की संख्या को घटाकर दिखाया है।
झूठी जानकारी दे रहा WHO
पॉलिटिको वेबसाइट के मुताबिक, स्कॉट ने मंगलवार को कहा, 'डब्ल्यूएचओ का काम जन स्वास्थ्य की सूचनाएं दुनिया को देना है ताकि हर देश अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर फैसला ले सके। जब कोरोना वायरस की बात आई तो डब्ल्यूएचओ असफल रहा।'
उन्होंने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ जानबूझकर भ्रामक जानकारियां फैला रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि कम्युनिस्ट चीन अपने यहां के केस और मौतों को लेकर झूठ बोल रहा है।' रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को चीन के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन बावजूद इसके जांच करने की जरूरत महसूस नहीं की गई।
खतरे की घंटी बजी, WHO चीन को बचाता रहा
इससे पहले राष्ट्रपति ने ट्रंप ने वाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान WHO चीफ पर जमकर हमला बोला था और उनपर चीन को बचाने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर पहले भी कई बार खतरे की घंटे बजती रही है लेकिन WHO ने इसे छुपाया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि डब्ल्यूएचओ लगातार चीन का पक्ष लेता रहा और उसे बचाता रहा, अगर दुनिया को पहले इसकी जानकारी होती तो इतनी जानें नहीं जातीं।
दिसंबर में चीन के वुहान में कोरोना का पहला केस सामने आया था और अब अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने नाराजगी जाहिर करते हुए कोरोना वायरस को चीनी वायरस का भी नाम दे डाला था। हालांकि, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बातचीत के बाद उन्होंने दोबारा यह नाम नहीं लिया। अमेरिका में कोरोना वायरस से 4043 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.8 लाख लोग संक्रमित हैं।