CM योगी ने बोले- कांवड़ यात्रा में डीजे-माइक के प्रयोग पर नहीं होगा प्रतिबंध 

 लखनऊ
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे और माइक लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा, लेकिन इस पर सिर्फ भजन बजाने की अनुमति होगी। इसके साथ ही प्रतिबंधित श्रेणी के जानवरों को काटने पर रोक लगा दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान हेलीकाप्टर से निगरानी होगी और पुष्प वर्षा भी कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में सावन में शुरू होने वाले कांवड़ यात्रा के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मंडल व जिले के अफसरों से तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि व्यवस्था के बारे में सभी अधिकारी कुंभ से सीख लें। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में पहले की तरह डीजे और माइक पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित कराएंगे की इनसे सिर्फ भजन ही बजे, फिल्मी और अश्लील गाने न बजने पाए। इसके साथ ही डीजे की आवाज इतनी ही रहे जितनी कर्ण प्रिय लगे। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश रच रहे हैं। अराजकता फैलाने की कोशिश करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई करें। कार्रवाई का दायरा अराजकता फैलाने वालों तक नहीं, बल्कि संरक्षण देने वालों तक होना चाहिए। कुंभ जैसा बड़ा आयोजन सकता है तो कांवड़ यात्रा भी। इसके बाद से ही छठ तक त्योहारों का एक लंबा सिलसिला चलने वाला है। कांवड़ यात्रा का बेहतर संदेश सभी पर्वों व त्योहारों तक जाएगा। शासन और प्रशासन की लोगों में अच्छी छवि बनेगी।

उन्होंने डीएम को निर्देश दिया कि प्रमुख शिवालयों की साफ-सफाई के साथ बिजली, पानी, खासकर महिलाओं की सुरक्षा की व्यवस्था समय से कर ली जाए। इसमें जरूरत के आधार पर स्थानीय स्तर पर स्वंयसेवी संगठनों की भी मदद ली जा सकती है। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि शिवालयों के पास मांस-मंदिरा की दुकान नहीं होनी चाहिए। प्लास्टिक, थर्माकोल का प्रयोग नहीं होना चाहिए। मौके पर डस्टबिन रखवाए जाएं। कांवड़ यात्रा वाले स्थानों पर विशेष सफाई की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान बकरीद पड़ने के कारण इसकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। लिहाजा यह सुनिश्चित कराएं की कहीं पर अलग से कोई परंपरा नहीं शुरू होगी। प्रतिबंधित श्रेणी का कोई जानवर नहीं कटने पाएगा। सार्वजनिक क्षेत्रों पर भी जानवर नहीं काटे जाएंगे। संवेदनशील जगहों पर सीसीटीव कैमरा लगवाएं, जर्जर तार और पोलों को ठीक कर लें। डीएम और एसएसपी जेलों का नियमित निरीक्षण करें। आईजी, डीआई और कमिश्नर भी जेलों का औचक निरीक्षण करें। कप्तान प्रतिदिन एक थाने का निरीक्षण करें।

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