CM भूपेश बघेल ने की घोषणा, आसना में होगी बस्तर लोक नृत्य और साहित्य अकादमी की स्थापना

रायपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बस्तर जिले के चित्रकोट में “बनावां नंगत बस्तर” वन अधिकार, ग्राम विकास एवं सुपोषण कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लोहंडीगुड़ा में अनुविभागीय कार्यालय (राजस्व) खोलने की घोषणा की। साथ ही लोहंडीगुड़ा में महाविद्यालय खोलने के लिए आगामी बजट में प्रावधान करने की भी घोषणा की। उन्होंने ककनार और बिन्ता घाटी में निर्माणधीन सड़क को जल्द पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

 मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही 32 करोड़ 11 लाख 43 हजार रूपए के विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की। इनमें 19 करोड़ 6 लाख रूपए की लागत से बड़ांजी से आंजर तक सड़क निर्माण, 3 करोड़ 44 लाख रूपए की लागत से बेलर से तारागांव तक सड़क निर्माण, 2 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत से एरमुर से कस्तूरपाल सड़क निर्माण, 2 करोड़ 93 लाख रूपए की लागत से टाकरागुड़ा से भाटपाल तक 2.25 किलोमीटर सड़क निर्माण, 3 करोड़ रूपए की लागत से बस्तर विश्वविद्यालय परिसर में 100 सीटर बालक छात्रावास निर्माण, 60 लाख रूपए की लागत से आसना में बस्तर लोक नृत्य एवं साहित्य अकादमी की स्थापना, 50 लाख रूपए की लागत से पुराना कृषि उपज मंडी परिसर में रैयत बाजार एग्री प्लाजा का निर्माण शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चित्रकोट में लगभग 125 करोड़ 49 लाख रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने 97 करोड़ 24 लाख 35 हजार रुपए के 14 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 28 करोड़ 25 लाख 44 हजार रुपए के 10 कार्यों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर में जल संरक्षण की सम्भावना बहुत है यहाँ नदियाँ, नाले बहुत हैं, नालों पर बंधान, चेकडेम आदि का निर्माण कर बस्तर में पानी की कमी नहीं होने देना है, इसलिए सुराजी योजना के तहत नरवा योजना से सभी लोगो को जोड़ना है। उन्होंने कुपोषण को एक अभिशाप बताते हुए कहा कि इससे एक पीढ़ी ही नहीं बल्कि कई पीढ़ियां कमजोर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर छत्तीसगढ़ और कमजोर बस्तर कभी भी विकसित क्षेत्रों का मुकाबला नहीं कर सकता, इसलिए इस समस्या का समूल नाश आवश्यक है। उन्होंने कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए सभी लोगों को एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में हरिक नानीबेरा यानी खुशहाल बचपन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से बच्चों को अण्डा, मंूगफल्ली लड्डू आदि दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में दो अक्टूबर से कुपोषण को समाप्त करने के लिए सुपोषण अभियान चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को शीघ्र चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है। इस समस्या के समाधान के लिए हाट बाजारों में क्लीनिक चलाने की योजना प्रारंभ की गई है। इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार की सुविधा दी जा रही है। छत्तीसगढ़ की सरकार आम जनता की सरकार है। यह सरकार द्वारा ऋण माफी, 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, 4000 प्रति मानक बोरा तेन्दूपत्ता खरीदी करने के साथ ही, लघु वनोपज की संख्या 7 से बढ़ाकर 15 कर दी गई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार लोहण्डीगुड़ा क्षेत्र में उद्योगपतियों से किसानों की जमीन वापसी का ऐतिहासिक कार्य छत्तीसगढ़ की सरकार ने किया है, जिसकी चर्चा पूरे देश-विदेश में हो रही है।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद श्री दीपक बैज, कोंडागाँव विधायक मोहन मरकाम ने भी सभा को सम्बोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र, नवीनीकृत राशन कार्ड सहित कृषि उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ के तहत सामग्री का वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहां राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) बस्तर के अंतर्गत लोहंडीगुड़ा ब्लाक के महिला समूहों के स्टॉल का अवलोकन कर उनके कार्यों की सराहना की।

कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, जगदलपुर विधायक श्री रेख चंद जैन, नारायणपुर विधायक श्री चंदन कश्यप, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी, कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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