BJP की हां पर टिका जयस का फैसला, मना करने पर उतारेगा इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार

भोपाल
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई है।विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में जय आदिवासी युवा संगठन (जयस)  ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। 28  सीटों में से किसी पर भी अपना उम्मीदवार को ना उतारे जाने से जयस नाराज हो गया है, और अब भाजपा की तरफ रुख करने की तैयारी कर रहा है। खबर है कि जयस ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही है हालांकि इसके लिए उन्होंने 2 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की शर्त रखी है, अगर बीजेपी इसे मानती है तो वे समर्थन देंगें अन्यथा चार अपने निर्दलीय प्रत्याशी उतारेंगें।

दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान जयस ने कांग्रेस का जमकर समर्थन किया था और इसका फायदा भी कांग्रेस को भरपूर मिला। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने पैर पीछे खींच लिए है। कांग्रेस ने अबतक 28  सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए है लेकिन किसी भी सीट पर जयस के दावेदार को उम्मीदार नही बनाया , जिसके चलते संगठन का एक धड़ा कांग्रेस से नाराज हो गया है और बीजेपी को समर्थन देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जयस नेता डॉ. हीरा अलावा, डॉ. अंतिम मुजाल्दा सक्रिय भी हो गए है। मुजाल्दा का कहना है कि कांग्रेस के साथ उनकी भाजपा से भी चर्चा चल रही थी। अब भाजपा के बातचीत की जाएगी। अभी उन्होंने धार और रतलाम सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। अगर वे हमारे नेताओं को टिकट देते हैं या समर्थन देते हैं तो फिर दो ही सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। साथ ही भाजपा को अन्य चार आदिवासी सीटों पर जयस समर्थन देगा। अन्यथा निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा किया जाएगा।

वही आज रविवार को आंबेडकर जयंती के कार्यक्रम के बाद जयस ने बैठक बुलाई है , जिसमें प्रदेश की चार सीटों खरगोन, धार, रतलाम और बैतूल से निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया जाएगा। हालांकि जयस ने चार प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं, जिसमें खरगोन से डॉ. रक्षा मुजाल्दा, धार से भगवान सिंह, रतलाम से डॉ. अभय ओहरी और बैतूल से डॉ. रुपेश पद्माकर को संगठन का प्रत्याशी बनाए जाने की तैयारी है। अगर भाजपा हां करती है तो दो सीटों पर जयस के उम्मीदवार उतारे जाएंगें , अन्यथा निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा।

बता दे कि बीते दिनों संगठन (जयस) के संस्थापक और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कांग्रेस से चार सीटों बैतूल, धार, खरगोन और रतलाम-झाबुआ से लोकसभा का टिकट मांगा है, इसके लिए अलावा ने कमलनाथ को चेतावनी भी दी थी, लेकिन कांग्रेस ने सब बातों को दरकिनार कर 28  सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए, जिसके चलते जयस में आक्रोश है और अब वो निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहा है। वही कांग्रेस नेताओं द्वारा जयस को लगातार मनाया जा रहा है, अगर जयस ने अपने प्रत्याशी उतारे तो आदिवासी सीटों पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है,जिसका फायदा बीजेपी को मिलना तय है।

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