Accidental PM का प्रोमो रोकने की याचिका HC ने सुनने से किया इनकार

नई दिल्ली            
रिलीज से पहले ही विवादों में घिरी अनुपम खेर की फ़िल्म The Accidental prime minister के प्रोमो को रोकने के लिए दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि आपका इस मामले में लोकस नहीं बनता है, लिहाजा इस मामले में आप याचिका को जनहित याचिका में तब्दील करके डबल बेंच के सामने लगाए. फिलहाल ना हम इस याचिका पर सुनवाई कर सकते हैं और ना ही फिल्म के प्रोमो पर रोक लगाएंगे.

कोर्ट ने कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री की इमेज ख़राब होने को लेकर याचिका है तो फिर ये जनहित याचिका के तौर पर ही सुनवाई के योग्य होगी. अब याचिकाकर्ता को इस मामले में जनहित याचिका लगानी होगी. याचिकाकर्ता ने कहा कि वो आज ही इस मामले में जनहित याचिका दाखिल करेंगे. बता दें कि ये फ़िल्म 11 जनवरी को रिलीज हो रही है.

याचिका में कहा गया है के प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक पद है और यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री की इमेज को खराब करने के लिए दिखाए जा रहे प्रोमो पर तुरंत रोक लगाई जाए. इससे पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश की छवि भी खराब होगी. याचिका में ये भी कहा गया है ट्रेलर में जो कुछ दिखाया जा रहा है वह भ्रमित करने वाला है और संजय बारू की किताब से अलग हटकर है. यह पूरी तरह से गलत और फर्जी है.

याचिकाकर्ता का दावा है कि संजय बारू ने खुद यह स्वीकार किया है कि उनका फ़िल्म के साथ किसी तरह का कोई संबंध नही है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि प्रोमो को विवादित और चटपटा बनाने के लिए तमाम उन चीजों को दिखाया गया है जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए सीबीएफसी से भी किसी तरह की इजाजत नहीं ली गई है. याचिका में कहा गया है कि ट्रेलर में ना सिर्फ सिनेमेटोग्राफी एक्ट के रूल 38 का उल्लंघन किया गया है बल्कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह जो जीवित पात्र हैं, उनसे बिना इजाजत लिए यह फिल्म बनाई गई है.

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