7 दिन में सड़क, कीमती धातुओं का खजाना लूटने की तैयारी में चीन

नई दिल्ली
कोरोना महामारी पर पूरी दुनिया में घिरे चीन लद्दाख सीमा के करीब नए-नए पैंतरे आजमा रहा है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच मई के शुरू से ही यहां तनातनी जारी है। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब महज 7 दिन में ही एक नई सड़क बना ली है जो उसे उन दुर्गम इलाकों में पहुंचना आसान बना दिया है जहां माना जाता है कि काफी खनिज संसाधन हैं।

सोना जैसी कीमती धातुओं का खजाना
इस पक्की सड़क पर भारी वाहन आसानी से आ-जा सकते हैं। इस सड़क के कारण चीन की पहुंच LAC के बेहद करीब हो गई है और वह भारत को गोगरा पोस्ट के करीब तक पहुंच गया है। सैटलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि यहां सोना जैसे कीमती खनिजों का भंडार है।

3 हफ्ते में ही बना ली सड़क
चीन ने इस सड़क का निर्माण महज 3 हफ्ते में कर लिया। यह सड़क 4 किलोमीटर लंबा है और इसके जरिए चीन LAC के करीब पिछले कुछ सालों में बनाए गए सड़कों के नेटवर्क से कनेक्ट हो सकता है।

सीमा पर हथियारों का जमावड़ा
लद्दाख सीमा के करीब चीन के मंसूबे ठीक नहीं लग रहे हैं। सैटलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि इस सड़क से 10 किलोमीटर दूर चीन ने भारी हथियार जमा कर रखे हैं। सूत्रों ने बताया कि यहां एक छोटी सड़क बनी हुई है और चीन ने यहां पिछले कुछ सप्ताह में LAC तक लगती दो ब्रिज और पक्की सड़क बना ली है। इसका इस्तेमाल वाहनों और जवानों के जल्दी से आवागमन के लिए किया जा सकता है। भारतीय सीमा के भीतर पहाड़ों की छातियों में कीमती धातुओं का खजाना है।

भारत ने भी कर रखी है तैयारी
भारत ने गोगरा पोस्ट में सतर्क है और सुरक्षा बढ़ा दी है। लेकिन खनिज संसाधन से भरे इस इलाके में पहुंचने के लिए भारत के पास इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। सैटलाइट तस्वीरों के विशेषज्ञ कर्नल विनायक भट्ट (रिटायर्ड) का मानना है कि इस पहाड़ों में सोना हो सकता है। भट्ट ने सैटलाइट तस्वीरों के विश्लेषण के बाद अनुमान लगाया है कि यहां सोना के अलावा और भी कीमती धातुएं हो सकती हैं।

गोगरा की सड़क के अलावा चीन ने पैंगोंग शो झील के करीब फिंगर-4 के नजदीक स्थायी बंकर भी बना लिए हैं। चीन इस इलाके पर लगातार दावा करता रहा है लेकिन यहां अभी तक दोनों पक्ष केवल पेट्रोलिंग करते रहे हैं। चीन के इस कदम के बाद ऐसा लग रहा है कि वह यहां कब्जा करना चाहता है। हालांकि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के लिए पिछले 26 दिन से बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। गलवान घाटी और पैंगोंग शो झील के करीब चीन ने हजारों सैनिकों को तैनात कर रखा है।

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