5 बच्चों को मिला नया जीवन, अहमदाबाद की सुपरमॉम ने दान किया 90 लीटर ब्रेस्ट मिल्क

 
अहमदाबाद 

आमतौर पर एक नवजात शिशु के पैदा होते ही डॉक्टर उसे मां का पौष्टिक दूध पिलाने की सलाह देते हैं. इसके पीछे वजह होती है कि बच्चे को तुरंत मां के दूध का पोषण बच्चे को मिल पाए और वह स्वस्थ रहे. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पैदा होते ही मां बच्चे को दूध पिलाने की क्षमता में नहीं होती है. ऐसे हालातों में ब्रेस्ट मिल्क बैंक से उन नवजात बच्चों को मां का दूध दिया जाता है.

कई बच्चों की सेहत में हुआ सुधार
बच्चे को अपना दूध न पिला पाना किसी मां के लिए वज्रपात से कम नहीं होता है. अहमदाबाद की रुशिना समेत कई महिलाएं ऐसे कुपोषित बच्चों की मां बनकर सामने आई हैं. रुशिना ने अहमदाबाद के एक अस्पताल में कुपोषित नवजात बच्चों को पिछले तीन महीने में अपना 12 लीटर दूध दान किया है. इसके साथ ही उनके जैसी करीबन 200 महिलाओं ने अब तक 90 लीटर ब्रेस्ट मिल्क अस्पताल को दान में दिया है. इन महिलाओं के इस महत्वपूर्ण योगदान से अब तक कई बच्चों के स्वास्थ्य को फायदा मिल चुका है.

अहमदाबाद का एक मात्र ब्रेस्ट मिल्क बैंक
अहमदाबाद की रुशिना खुद का 3 महीने का बेटा होने के बावजूद कुपोषित बच्चों को अपना दूध दान दे रही हैं. रुशिना के जरिए दान किए गए दूध की वजह से अब तक 5 बच्चों को नई जिंदगी मिल चुकी है. आपको बता दें कि रुशिना ने अहमदाबाद के जिस अस्पताल में अपना दूध दान किया है वह अहमदाबाद का एक मात्र ब्रेस्ट मिल्क बैंक है.

रुशिना बोलीं- इससे नहीं होता अपने बच्चे को नुकसान
इस ब्रेस्ट मिल्क बैंक को संचालित करने वाली डॉक्टर का कहना है कि महिलाओं को अपनी मानसिकता को बदलकर इस तरह अपने दूध को दान करना चाहिए , इससे जो बच्चे कुपोषित हैं उन बच्चों को पोषण मिल पाएगा. रुशिना का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा मां को ब्रेस्ट मिल्क बैंक में अपना दूध दान देना चाहिए, इससे अपने बच्चे को कभी नुकसान नहीं होता है.

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