30 फीसदी से कम दाखिला कराने वाले सूबे के डेढ़ दर्जन इंजीनियरिंग कालेजों में लगेंगे ताले

 

भोपाल।

सूबे में इंजीनियरिंग के करीब 160 कालेज संचालित हो रहे हैं। इसमें से डेढ़ दर्जन इंजीनियरिंग कालेजों में ताले लगाए जाएंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तीन साल में इंजीनियरिंग कालेजों में तीस फीसदी से कम प्रवेश होने पर ये निर्णय लिया है। वहीं कालेजों का मापदंड पूरे नहीं करने की दशा में अकस्मिक निरीक्षण कराए हैं,जिससे कालेजों का संचालन होना मुश्किल में पड़ गया है। 

राज्य के करीब 18 कालेज तीन सालों में तीस फीसदी से ज्यादा दाखिला नहीं दे पाए हैं। इसलिए एआईसीटीई ने उनको बंद करने का निर्णय कर लिया है। उनका क्लोज तक तैयार कर दिया गया है। आगामी सत्र 2019-20 में उनकी की मान्यता जारी करने के पहले एआईसीटीई ने कालेजों का अकस्मिक निरीक्षण कराया था। इसमें निरीक्षण टीम ने कालेजों को एआईसीटीई के मापदंडों के मुताबिक कालेजों का संचालन नहीं पाया है। इसलिए टीम ने उनकी निगेटिव रिपोर्ट तैयार कर एआईसीटीई को भेज दी है। वहीं कुछ कालेजों का निरीक्षण होना शेष है। मान्यता जारी करने के पहले टीमें भी अपनी रिपोर्ट एआईसीटीई को भेज देंगी। इसके बाद कालेजों की सीटों का फैसला एआईसीटीई देगी। जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ दर्जन कालेजों की आगामी सत्र की मान्यता जारी नहीं की जाएगी। इससे करीब पांच हजार सीटों की कटौती होगी। राज्य इंजीनियरिंग के करीब 160 कालेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें करीब 65 हजार सीटें मौजूद हैं। डेढ दर्जन कालेजों की करीब पांच हजार सीटें कम होने से उनकी संख्या करीब साठ हजार तक पहुंच जाएगी। उक्त सीटों के आधार पर तकनीकी शिक्षा विभाग काउंसलिंग कराएगा। 

गत वर्ष भी किए थे कालेज बंद 

एआईसीटीई ने गत वर्ष मान्यता जारी करने के पहले देशभर से काफी संख्या में इंजीनियरिंग कालेजों को बंद करदिया था। क्योंकि वे भी एआईसीटीई के मापदंडों के मुताबिक कालेजों का संचालन नहीं कर पा रहे थे। इसमें राज्य के करीब डेढ दर्जन कालेज शामिल थे। वहीं कुछ कालेजों ने स्वयं ही क्लोज लगाने के लिए आवेदन कर दिए थे। एआईसीटीई भी इंजीनियरिंग की गुणवत्ता को सुधारने के लिए काफी प्रयासरत है। 

 

इंजीनियरिंग की गुणवत्ता सुधारने के लिए एआईसीटीई मापदंडों पर सख्त बना हुआ है। इसलिए कालेजों के अकस्मिक निरीक्षण कराए गए हैं। मापदंड पूरे नहीं करने की दशा में कालेजों में क्लोज लगाया जाएगा। 

अनिल सहस्त्रबुद्धे

अध्यक्ष, एआईसीटीई 

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