3 साल में बदल जाएगी कानपुर रेलवे स्टेशन की तस्वीर, ट्रेनों का परिचालन भी होगा दुरुस्त

 कानपुर। 
सब कुछ ठीक रहा तो 3 साल के अंदर कानपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों से लेकर ट्रेन परिचालन की तस्वीर ही बदल जाएगी। रेलवे ने पहली बार कानपुर सेंट्रल के चतुर्मुखी विकास का खाका तैयार किया है। एख साथ सात प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। इन पर खर्च होने वाली करोड़ों रुपये की राशि के आवंटन में देरी न हो, इसका भी पुख्ता बंदोबस्त कर दिया है।

रेलवे अफसरों का दावा है कि ये सहूलियतें मिलने के बाद नई ट्रेनों तो चलेंगी ही, साथ ही निर्वाध संचालन भी होता रहेगा। कानपुर से सटे अनवरगंज और गोविंदपुरी स्टेशनों के टर्मिनल बनने का भी रास्ता साफ हो जाएगा। जूही या फिर सीपीसी मालगोदाम की खाली होने वाली लाइनों का उपयोग होगा। स्टेशन विकसित होने से सेंट्रल स्टेशन को ओवरलोड होने से बचाया जा सकेगा।

गोविंदपुरी से प्रयागराज को थ्रू लाइन की तैयारी
दिल्ली रूट पर कानपुर सेंट्रल के सबसे नजदीकी गोविंदपुरी स्टेशन पर दो लूप लाइनों की मंजूरी पहले हो चुकी है। इसके अलावा गोविंदपुरी से चंदारी स्टेशन तक सीधी कनेक्टिविटी के लिए एक लाइन और डाली जाएगी। यह लाइन पहले थी पर बाद में उपयोग बंद हो गया। इसके शुरू होने पर कुछ ट्रेनों को गोविंदपुरी में स्टॉपेज देकर सीधे प्रयागराज निकाला दिया जाएगा।

अनवरगंज में दो और लूप लाइनें डाली जाएंगी
सेंट्रल स्टेशन के साथ ही अनवरगंज स्टेशन का भी कायाकल्प होगा। वहां पर दो और लूप लाइनें डालने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। इसके बाद अनवरगंज को टर्मिनल स्टेशन बना दिया जाएगा। यहीं से फर्रुखाबाद, कासगंज और मथुरा, बरेली को सीधी ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इसकी लंबे समय से डिमांड हो रही थी। अफसरों का कहना है कि यह काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

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