24 घंटे में घर खाली करने को कहा, देहरादून-अंबाला में कश्मीरी छात्रों का विरोध

 
नई दिल्ली 

पुलवामा में सीआरपीएएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले का असर देशभर के अलग-अलग इलाकों में रह कर पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों पर पड़ रहा है. कई जगहों पर इन कश्मीरी छात्राओं के विरोध की खबरें आ रही हैं. इस विरोध से चिंतित कश्मीर के नेताओं ने केंद्र सरकार से उनकी सुरक्षा की मांग की है. बीते गुरुवार को कई दशकों में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इससे पूरे देश में भयंकर गुस्सा है.

मकान मालिकों ने घर खाली करने को कहा

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ाई कर रहे कुछ कश्मीरी युवाओं ने आरोप लगाया है कि उनको परेशान किया जा रहा है. कश्मीर युवाओं ने कहा कि मकान मालिक अपने घरों पर हमला होने की आशंका में उनसे घर खाली करने को कह रहे हैं.

देहरादून पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा

वहीं देहरादून पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को देहरादून में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिये सभी जरूरी इंतजाम करने का भरोसा दिया है. पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि देहरादून में रह रहे कश्मीरी छात्रों के उत्पीड़न से जुड़ी खबरों को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देहरादून पुलिस से बात की है.

अंबाला में कश्मीरी छात्रों को 24 घंटे में घर खाली करने को कहा

इधर हरियाणा में अंबाला की एक ग्राम पंचायत ने पुलवामा हमले के विरोध में ग्रामीणों से किराये पर रह रहे कश्मीरी छात्रों से 24 घंटे के अंदर मकान खाली करवाने को कहा है. बताया जा रहा कि सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक वीडियो चल रहा है. इस वीडियो के आने के बाद 5-6 छात्रों को एमएम मुलाना विश्वविद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है.

विश्वविद्यालय के एक न्यासी विशाल गर्ग ने बताया कि कुछ कश्मीरी छात्रों ने उनसे छात्रावास में ठहरने देने का अनुरोध किया था, उन्हें वहां ठहरा दिया गया है. वहीं पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.

उमर अब्दुल्ला ने की कश्मीर छात्रों की सुरक्षा की मांग

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सर्वदलीय बैठक में पारित किए गये प्रस्ताव में जम्मू में हिंसा और दूसरे राज्यों में तनाव के चलते शांति बनाए रखने की अपील को शामिल नहीं किए जाने से निराशा जाहिर की. बाद में उमर अब्दुल्ला गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर अपनी चिंता जाहिर की.  

दूसरे दिन भी सुलगता रहा जम्मू

उमर अब्दुल्ला ने बाद में कहा कि ट्विटर पर कहा कि जम्मू में हिंसा एवं कुछ राज्यों के यूनिवर्सिटी/ कॉलेज परिसरों में तनाव की खबरों को देखते हुए मैं निंदा एवं शोक जाहिर करने के साथ ही शांति की अपील की उम्मीद कर रहा था. गौरतलब है कि जम्मू में लगातार दो दिनों से पुलवामा हमले के चलते विरोध प्रदर्शन हो रहा है. शुक्रवार को पुलिसकर्मी समेत नौ लोग पथराव में घायल हुए एवं कई वाहनों में आगजनी की गई थी.

महबूबा ने कहा- हमले के बहाने परेशान न करें

वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें शरारती तत्वों को पुलवामा हमले का इस्तेमाल लोगों को सताने या परेशान करने के बहाने के रूप में करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि हमें लोगों को हमारे आंसुओं का इस्तेमाल करने देने के बजाय एकजुट होने की जरूरत है.

दर्द और आक्रोश के इस वक्त में, हमें बांटने की कोशिशें होंगी. मज़हबों और पहचानों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाएगा. हिन्दू बनाम मुस्लिम, जम्मू बनाम कश्मीर. हमारे दर्द को इस तरह की शैतानी योजनाओं को कामयाब होने में इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए.  उन्होंने अपने ट्वीट में एक अफ्रीकी लोकोक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि कुल्हाड़ी भूल जाती है लेकिन पेड़ को याद रहता है’. इसका मतलब है कि जिस पर बीतती है वो ही उस तकलीफ को याद रखता है.

यूपी में 3 लोग गिरफ्तार

सोशल मीडिया पर पुलवामा हमले का समर्थन करने के आरोप में उत्तर प्रदेश में 3 युवकों को गिरफ्तार किया गया है. इस हमले का पहला समर्थन AMU के एक कश्मीरी छात्र ने किया था. लेकिन इसके बाद यूपी के अलग-अलग हिस्सों से 3 युवकों को गिरफ्तार किया गया है. मऊ पुलिस ने मो. ओसामा नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है. वहीं लखनऊ से एक भी युवक की गिरफ्तारी हुई है. युवक ने पाकिस्तान के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा था.

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