21 जून का सूर्यग्रहण चीन-पीओके के लिए विनाशकारी हो सकता है 

 
वाराणसी 

आने वाला वक्त चीन और उससे जुड़े भूभागों के लिए अच्छा साबित होने वाला नहीं है, ऐसा कोई और नहीं बल्कि ज्योतिष शास्त्र और खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण के दावे से लग रहा है. काशी के ज्योतिषी ने दावा किया है कि 21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण गंधार (कंधार), पीओके (पुलिंद), कश्मीर भूभाग (कश्मीर) और चीन के लिए विनाशकारी साबित होगा.

यह दावा जिस ग्रंथ के आधार पर किया जा रहा है, उसमें 6वीं शताब्दी के देवज्ञ ज्योतिषी आचार्य वराहमिहिर ने यह बात लिख दी थी, जिसका नाम 'बृहत्संहिता' ग्रंथ है. इस ग्रंथ के एक श्लोक में ये लिखा है कि आषाढ़ माह में लगने वाला सूर्यग्रहण धरती के इन भूभागों के लिए नुकसानदायक साबित होगा.
  
देवज्ञ ज्योतिषी आचार्य 'वराहमिहिर' चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे और इन्हीं के बताए ज्योतिष सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं. इन्हीं के बताए सिद्धांतों पर आज भी ज्योतिष विद्या टिकी हुई है. देश-दुनिया के तमाम ज्योतिषी इसका पालन भी करते हैं.

6वीं शताब्दी में वराहमिहिर द्वारा रचित 'बृहत्संहिता' ग्रंथ के राहुचारा अध्याय के श्लोक संख्या 77 में जो लिखा है, वह चीन और उससे लगते भूभाग में रहने वालों के लिए बुरी खबर से कम नहीं है क्योंकि श्लोक के मुताबिक, आषाढ़ माह में लगने वाला सूर्य ग्रहण गंधार (कंधार), पीओके (पुलिंद), कश्मीर भूभाग (कश्मीर) और चीन के लिए विनाशकारी है.
 
भारत के उत्तर के सीमावर्ती क्षेत्रों में हो सकता है बुरा
इस बारे में और जानकारी देते हुए काशी के एक ज्योतिषी पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि 21 जून को मिथुन राशि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण ('बृहत्संहिता' ग्रंथ के मुताबिक आषाढ़ महीने में लगने वाला सूर्य ग्रहण) इन जगहों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ग्रहों का योग काफी उत्पातकारी बन रहा है.

भारत के सीमावर्ती उत्तर के देशों में लोग विद्रोह कर सकते हैं. प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, सैन्य कार्यवाही या युद्ध भी हो सकता है. यानि भारत के सीमावर्ती उत्तर के तरफ वाले क्षेत्र में कुछ बुरा होने वाला है. चूंकि इस वजह से चीन का नाश हो सकता है इसलिए चाइना इस वक्त जो कुछ करेगा, वह बैकफुट पर ही जाएगा.

जहां तक इस ग्रहण का भारत पर पड़ने वाला प्रभाव है तो मध्यवर्ती भूभाग पर विशेष कुप्रभाव ला सकता है और सम्पूर्ण देश में अराजकता की वृद्धि और अग्निकांड भी हो सकता है. सीमावर्ती क्षेत्र में प्रबल युद्ध की संभावना बनी रहेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *