11 लोगों की गई रोशनी, सरकार ने रद्द किया अस्पताल का लाइसेंस

इंदौर
मध्य प्रदेश में एक बार फिर आंखफोड़वा कांड सामने आया है। जिसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है।  इंदौर के एक अस्पताल में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद 11 लोगों की आंख की रोशनी चली गई। मामले मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तत्काल सख्त कदम उठाते हुए पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि यह दुखद घटना है 11 लोगों की आंख की रोशनी चले जाना को हमारे लिए चुनौती है। हमने जांच के लिए एक समिति गठित की है। जिसमें इंदौर के डॉक्टरोंं को शामिल किया गया है। इसी के साथ कड़ी कार्रवाई की गई है। उस अस्पताल के लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल पीड़ितों को 20 हज़ार देने के लिए कहा गया है।

मध्य प्रदेश के इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। बताया जा रहा है इंदौर के आई अस्पताल में यह आपरेशन किया गया था। मोतियाबिंद के मरीजों को आपरेशन के दिखना बंद हो गया। बताया जा रहा है आपरेशन के बाद जब मरीज़ों ने आंखें खोली तो किसी को एक आंख तो किसी को दोनों आंखों से दिखना बंद हो गया। जिसके बाद अस्पाल में हंगामा हो गया। डॉ ने चेकअप किया जिसमें पता चला है कि मरीजों की आंखों में इन्फेक्शन हो गया है। हालांकि, रोशनी जाने की सही वजह सामने नहीं आ पाई है।

8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। इसी दिन सभी का आपरेशन किया गया था। अगले दिन उनकी आंखों में दवा डाली गई जिसके बाद मरीज़ों को सब कुछ सफे दिखने लगा। इनमें से कुछ ने सब कुछ काला दिखनी की शिकायत की। स्वास्थ्य विभाग को जब इस लापरवाही के बारे में पता चला तो उन्होंने फौरन कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जांच के कारण स्पष्ट होने के बाद हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। दूसरी ओर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर महाशब्दे ने दैनिक भास्कर को बताया कि संक्रमण की वजहों का अभी तक पता नहीं चला है।

फुटबॉल खिलाड़ी रहे मनोहर हरोर की बाईं आंख के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद जब दवाई डाली तो उस आंख से दिखना बंद हो गया। एक दिन के ऑपरेशन के लिए अस्पताल आए मनोहर को यहां 10 दिन हो गए हैं। पूरे दिन बिस्तर पर ही रहते हैं।

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