होली बनी रंगहीन, मजदूरों का भुगतान नहीं होने से चुनाव पर पड़ेगा असर

भोपाल
केन्द्र सरकार से राज्य को पांच हजार करोड़ से अधिक की राशि नहीं मिल पाने से विकास कार्यों में ब्रेक लग गया है। रोजगार गारंटी के अन्तर्गत मजदूरों का तीन सौ करोड़ से अधिक का भुगतान अटका हुआ है तो सामग्री मद में 356 करोड़ की जरूरत है। राशि जारी करने के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल की दिल्ली दौड़ भी काम नहीं आयी है।

ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत केन्द्रीय राशि नहीं मिलने से विकास कार्यों पर विपरीत असर पड़ रहा है। पिछले दिनों प्रदेश के पंचायत मंत्री ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात करते हुये 1200 करोड़ से अधिक की राशि मांगी थी। इसमें लंबित मजदूरी भुगतान के 306 करोड़, वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिये आवश्यक 456 करोड़ और सामग्री मद में 356 करोड़ शामिल है।

डेढ़ माह बाद भी केन्द्र से आवश्यक राशि जारी नहीं होने से प्रदेश में विकास कार्य ठप होने की नौबत में हैं। जानकारी के अनुसार केन्द्र ने करों का हिस्सा करीब 2 हजार करोड़ और भवांन्तर के एक हजार करोड़ की राशि जारी नहीं की है। शिक्षा के अधिकार के तहत भी पांच सौ करोड़ की डिमांड बार-बार की जा रही है।

पंचायत राज संचालनालय अन्तर्गत 14वें वित्त और पंच परमेश्वर योजना के लिये भी 300 करोड़ मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

किस मद में कितना चाहिये

  • करों का हिस्सा-2000 करोड़ 
  • मनरेगा-1200 करोड़ 
  • भवांन्तर-1000 करोड़ 
  • शिक्षा का अधिकार-500 करोड़

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