हॉट वैक्स या कोल्ड वैक्स कौन-सा बेहतर

कोल्ड और हॉट वैक्स दोनों की अपनी खूबियां होती हैं। लेकिन आपको अपने लिए कौन-सा वैक्स टाइप चुनना है यह तो आपको ही फाइनल करना होगा। क्योंकि हर किसी सी स्किन की जरूरत और अपनी निजी पसंद अलग होती है। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि हॉट और कोल्ड वैक्स में क्या अंतर होता है और आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर रहेगा…

हॉट और कोल्ड वैक्स की खूबियां
-कोल्ड वैक्स की स्ट्रिप्स हॉट वैक्स की तुलना में कम मैसी होती हैं। लेकिन यह भी कहा जाता है कि हेयर्स को रूट्स से निकालने में हॉट वैक्स की तरह कारगर नहीं होता है।

-हॉट वैक्सिंग में वैक्स को बार-बार गर्म करना होता है। स्किन पर लगाने के दौरान कई बार वैक्स तेज गर्म रह जाता है, जिससे स्किन जलने, रेडनेस और रैशेज का खतरा रहता है।

-हॉट वैक्सिंग को अपल लिप, थ्रेड या ऐक्स्ट्रा फॉरहेड लेयर्स को क्लिन करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। क्योंकि इसे गर्म अवस्था में ही त्वचा पर डायरेक्ट अप्लाई करना होता है। जो कि इन संवेदनशील अंगों के लिए हानिकारक हो सकता है।

-हॉट वैक्सिंग के दौरान स्किन जलने के डर के साथ ही दर्द भी अधिक सहना होता है। क्योंकि गर्म वैक्स लगते ही उस जगह की स्किन काफी संवेदनशील हो जाती है और फिर उल्टी दिशा में तेजी से स्ट्रिप खींचने पर बालों की जड़ निकलती है, जिससे दर्द भी होता है।

– वहीं, कोल्ड वैक्सिंग, हॉट वैक्सिंग की तुलना में काफ साफ-सुथरी प्रक्रिया होती है। इसमें वैक्स को गर्म करने की झंझट भी नहीं होती। साथ ही इसे इस्तेमाल करते वक्त दर्द भी कम होता है।

– कोल्ड वैक्सिंग के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इससे एक जगह के बाल एक बार में नहीं निकल आपके हैं और एक ही जगह पर कई बार वैक्स स्ट्रिप अप्लाई करनी होती है।

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