स्कूल बस में GPS नहीं लगाया, तो सख्ती से कार्रवाई, स्कूल संचालकों को ई-मेल के जरिए सूचित किया
भोपाल
शहर में सैकड़ों आॅटो रिक्शा, मैजिक, मिनी बस और वैन में स्कूली बच्चे ठूस-ठूंसकर बैठाए जाते हैं। इसे रोकने और स्कूल वाहनों में ही स्कूली छात्रों को सफर करवाने के लिए परिवहन विभाग एक अप्रैल से जांच अभियान चलाएगा। किसी वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे पाए जाने पर उस वाहन का फिटनेस निरस्त कर दिया जाएगा। शहर में संचालित 1600 से अधिक स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्पीड गवर्नर अनिवार्य है। जिन वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं होगा, उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन विभाग ने सभी स्कूल संचालकों को ई-मेल के जरिए सूचित कर दिया है कि वे अपने वाहनों में 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से स्पीड गर्वनर लगवा लें। स्कूल से अटैच वाहनों का भी स्कूल वाहन के रूप में रजिस्ट्रेशन करवा लें। 1 अप्रैल से सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।
अब स्कूल वाहनों में बच्चों को ठूंस-ठूंसकर नहीं बैठा पाएंगे। ऐसे होने पर वाहन को तुरंत जब्त कर उस वाहन का फिटनेस और परमिट निरस्त किया जाएगा। साथ ही 15 साल से अधिक पुराने स्टेट पब्लिक सर्विस वाले वाहनों पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिन वाहनों पर नंबर प्लेट नहीं होगी, उन पर भी कार्रवाई होगी।