स्कूल छोड़ भोपाल में डेरा डाले बैठे हैं सरकारी मास्टर, मंत्री की टेढ़ी नज़र

भोपाल
मध्य प्रदेश(madhya pradesh) के सरकारी मास्टर और मास्टरी इन दिनों स्कूल के बजाए शिक्षा मंत्री (education minister)के घर पर हाजिरी लगा रहे हैं. वो राजधानी भोपाल (bhopal)के चक्कर काट रहे हैं. स्कूल से ज़्यादा वो अपनी चिंता में डूबे हैं. मामला ही ऐसा है. ट्रांसफर(transfer) का चक्कर है. तबादले बंद हैं फिर भी कोई अपना तबादला रुकवाने के लिए चक्कर काट रहा है तो कोई मनपसंद पोस्टिंग चाहता है.

भोपाल में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के बंगले पर इन दिनों मेला सा लगा हुआ है. ये भीड़ आम जनता की नहीं है. बल्कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक और शिक्षिकाएं यहां डेरा डाले हैं. रोज दर्जनों टीचर्स यहां पहुंच रहे हैं. सबको अपनी पसंद की पोस्टिंग चाहिए. किसी को घर से दूर जाना मंज़ूर नहीं तो किसी को अपने घर के नज़दीक का स्कूल चाहिए. जितने शिक्षक हैं उतनी ही पसंद और नापंसद हैं.

मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग तबादलों के कारण पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्ख़ियों में है. पहले बड़ी संख्या में ऑनलाइन तबादले फिर तबादलों में गड़बड़ी. उसके बाद तबादलों पर रोक. तबादलों का सीधा असर स्कूलों में पढ़ाई पर पड़ रहा है. जब मास्टर जी स्कूल ही नहीं गए तो पढ़ाई कैसे होगी. कई स्कूलों में तो ये हाल है कि अभी तक बूस्टर कार्यक्रम भी शुरू नहीं हो पाया है.

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