सरकार दो साल से भूल गई पुलिस के अफसरों और जवानों को रूस्तमजी पुरस्कार देना

भोपाल
प्रदेश पुलिस के अफसरों और जवानों को मिलने  वाला केएम रूस्तमजी पुरस्कार देना सरकार दो साल से भूल गई है। पिछले दो सालों से यह पुरुस्कार सरकार ने नहीं दिया है। जबकि वर्ष 2015-16 के इनामों का ऐलान हुआ डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो चला है, लेकिन इन्हें पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जा रहा है।

राज्य शासन ने दिसम्बर 2017 में वर्ष 2015-2016 के रूस्तमजी पुरस्कार का ऐलान किया गया था। जिसमें ग्वालियर पश्चिम के तत्कालीन एएसपी दिनेश कुमार कौशल, पुलिस प्रशिक्षण इंदौर की तत्कालीन एसपी मनीषा पाठक सोनी को परम विशिष्ट श्रेणी और जबलपुर के तत्कालीन एएसपी गुरू प्रसाद पराशर को प्रदेश सरकार ने अति विशिष्ट श्रेणी पुरस्कार के तहत आधा दर्जन अफसरों को 32 बोर की पिस्टल देकर सम्मानित करने का निर्णय लिया था।

पिस्टल के लिए चयनित अफसरों में  अति विशिष्ट श्रेणी में अजीज खान तत्कालीन सीएसपी ओमनी जबलपुर, इंद्रजीत सिंह बाकलवार तत्कालीन सीएसपी गोहलपुर जबलपुर, तत्कालीन  सीएसपी राजगढ़ जेपी मिश्रा शामिल हैं। वहीं इसी क्षेणी में तत्कालीन टीआई इंदरगंज ग्वालियर एएस सिकरवार, तत्कालीन गुना टीआई श्रीराम शर्मा को बारह बोर की गन दी जानी है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस वर्ष फरवरी में इन अफसरों को पिस्टल और गन देने का आदेश कर दिए हैं। जबकि इससे पहले इस पुरस्कार से स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में पुलिस अफसरों के पिस्टल सौंपी गई थी।

वहीं इसी वर्ष के रूस्तमजी पुरस्कार में इंदौर एसपी पूर्व अवधेश कुमार गोस्वामी, बालमुकुंद शाक्य एसपी रेडिया भोपाल, नीतू ठाकुर एसपी रेडिया भोपाल,अमित सक्सेना एसपी रेडियो भोपाल,एटीएस एसपी भोपाल प्रणय नागवंशी, यूएन मिशन पर गए प्रवीण मंडलोई, एएसपी क्राइम ब्रांच इंदौर अमरेंद्र सिंह, रायसने की तत्कालीन एएसपी किरणलता केरकेट्टा, एसपी विशेष शाखा जबलपुर आशीष खरे, एसपी एटीएस इंदौर रामजी श्रीवास्वत सहित 50  अफसर को 50-50 हजार रुपए के नकद इनाम से सम्मानित किए जाने का ऐलान हुआ था। इन सभी को उम्मीद थी कि किसी समारोह में उन्हें यह इनाम दिया जाएगा, लेकिन इनके खाते में इनाम की राशि पहुंचा दी गई।

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